Delhi Driving License News: लाइसेंस के टेस्ट के लिए सख्ती, पड़ोसी राज्यों के लिए लोग कर रहे रुख
Delhi Driving License News दो-तीन बार फेल हो जाने के बाद कई लोग फिर से टेस्ट के लिए नहीं आते हैं। फिर भी अगर वे वाहन चला रहे हैं तो लाइसेंस तो बनवा ही रहे होंगे। दिल्ली से नहीं बन पा रहा है तो कहीं और से बनवाते हैं।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दरियागंज निवासी साकेत आहुजा (बदला हुआ नाम) ने अपने इलाके की ट्रांसपोर्ट अथारिटी में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। लर्निंग लाइसेंस तो बन गया था, मगर जब परमानेंट लाइसेंस बनवाने के लिए टेस्ट का समय आया तो टेस्ट पास नहीं कर पाए। ऐसा तीन बार हुआ। जब पास नहीं कर पाए तो पड़ोसी राज्य में अपने पुराने घर के पते पर वहां आवेदन किया तो टेस्ट भी पास कर लिया। क्योंकि दो पहिया और कार चलाना जानते थे। यह कहानी केवल साकेत आहुजा की नहीं है। दिल्ली में टेस्ट में दो या तीन बार फेल हो जाने के बार लोग पड़ोसी राज्यों की ओर रुख कर रहे हैं।
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि यह बात सही है कि दो या तीन बार फेल हो जाने के बाद कई लोग फिर से टेस्ट के लिए नहीं आते हैं। यह बात उनकी जानकारी में आई है। वह कहते हैं कि अगर वे लोग वाहन चला रहे हैं तो लाइसेंस तो बनवा ही रहे होंगे। दिल्ली से नहीं बन पा रहा है तो कहीं और से बनवा रहे होंगे।
करीब चार साल पहले दिल्ली सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आटोमेटेड टेस्ट ट्रैक तैयार करने शुरू किए थे। सबसे पहले सराय काले खां अथारिटी में इस व्यवस्था को शुरू किया गया था। उस समय टेस्ट में फेल होने वालों की संख्या एक बार 70 फीसद के करीब थी। उसके बाद अन्य अथारिटी में यह सुविधा शुरू की गई। इस दौरान एक बात देखने को मिली कि टेस्ट में फेल होने वालों का फीसद कम हुआ है। अब सरकार ने सभी अथारिटी को पूरी तरह आनलाइन कर दिया है और सभी अथारिटी में टेस्ट भी आटोमेटेड ट्रैक पर अनिवार्य कर दिया है। इसके बाद से अब फेल होने वालों का फीसद घटकर 70 से 40 से भी नीचे आ गया है।
सराय काले खां में किराये पर भी मिल जाती है कार
सराय काले खां ड्राइविंग ट्रैक पर टेस्ट के लिए किराये पर कार भी उपलब्ध कराई जा रही है। यहि किसी के पास कार नहीं है तो वह 250 रुपये देकर कार किराये पर ले सकेगा और अपना टेस्ट दे सकता है। कोरोना काल में कुछ समय के लिए अथारिटियों के बंद रहने से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है।
कैलाश गहलोत (परिवहन मंत्री, दिल्ली सरकार) का कहना है कि परमानेंट लाइसेंस बनवाने के लिए पहले की अपेक्षा फेल होने वालों की संख्या अब कम हुई है। दिल्ली में आटोमेटेड ट्रैक पर टेस्ट लिया जाता है। यह व्यवस्था अब सभी अथारिटी के लिए शुरू कर दी गई है। टेस्ट में किसी की कोई भूमिका नहीं होती है। गलती करने पर सिस्टम फेल कर देगा। ययी मामला लोगों के स्वास्थ्य आक्क्र उनकी ¨जदगी से जुड़ा है। लाइसेंस बनवाने के लिए टेस्ट में किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी।
2020
- कुल ड्राइविंग टेस्ट 247094
- पास 168118
- फेल 78986
2019
- कुल ड्राइविंग टेस्ट 304579
- पास 208878
- फेल 83607
2018
- कुल ड्राइविंग टेस्ट 339436
- पास 257987
- फेल 65725