Move to Jagran APP

विश्व में जहां भी मिले वहां से एंफोटेरिसिन-बी लेने को उठाएं कदम: हाई कोर्ट

पीठ ने कहा कि दो तथ्य अहम है और पहला है समय व दूसरा जिंदगी। अगर दवा की आपूर्ति दिल्ली या अन्य राज्यों में सही नहीं तो इससे कोई समस्या हल नहीं होगी क्योकि यह कमी कुल मांग की दो तिहाई है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 20 May 2021 07:53 PM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 07:53 PM (IST)
विश्व में जहां भी मिले वहां से एंफोटेरिसिन-बी लेने को उठाएं कदम: हाई कोर्ट
ब्लैक फंगस के इलाज की दवा के आयात पर केंद्र सरकार से हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। दिल्ली हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार से कहा कि कोरोना महामारी से ठीक होने वाले मरीजों में हो रही फ्लैक फंगस बीमारी का एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन विश्व में जहां भी उपलब्ध हो वहां से हासिल करने के लिए कदम उठाएं। न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि देश के साथ ही दिल्ली में ब्लैक फंगस के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं और इसके कारण एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की कमी है। ऐसे में केंद्र सरकार बताए कि एंफोटेरिसिन-बी को आयात करने के लिए क्या कदम उठाए गए। केंद्र सरकार रिपोर्ट में बताए कि दवा की वर्तमान उत्पादन क्षमता, इसके उत्पादन के लिए लाइसेंस प्राप्त उत्पादकों का विवरण और बढ़ी हुई क्षमता कब तक निर्मित होगी।

loksabha election banner

अधिवक्ता राकेश मल्होत्रा द्वारा दवा की कमी का मामला उठाये जाने पर पीठ ने कहा कि दुनिया में जहां भी मिले आपको ये दवा हासिल करने के लिए तत्काल कदम उठाना होगा। केंद्र सरकार ने सुनवाई के दौरान पीठ को सुनिश्चित करते हुए कहा कि इसे आयात करने के लिए पहले ही कदम उठाए जा चुके हैं। पीठ ने इस दौरान नोट किया कि भारत में दवा का उत्पादन मांग की अपेक्षा कम है। केंद्र ने यह भी बताया कि मांग को देखते हुए दवा के उत्पादन को भी दोगुना कर दिया गया है। हालांकि, पीठ ने कहा कि आपूर्ति में कमी को देखते हुए दोगुना उत्पादन करने से भी कुछ होगा। पीठ ने कहा कि यह भी स्पष्ट नहीं है कि बढ़ाया गया उत्पादन कब वास्तविक में मौजूद होगा।

पीठ ने कहा कि दो तथ्य अहम है और पहला है समय व दूसरा जिंदगी। अगर दवा की आपूर्ति दिल्ली या अन्य राज्यों में सही नहीं तो इससे कोई समस्या हल नहीं होगी क्योकि यह कमी कुल मांग की दो तिहाई है। इस कमी को पूरा करने के लिए हमें आयात करने पर जोर देना चाहिए और तेजी से इस दिशा में काम करना चाहिए। दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधविक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि यह गंभीर मामला है और इलाज के इस दवा की मांग तेजी से बढ़ी है।

दिल्ली में महज तीन फीसद ब्लैक फंगस के मामले

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए स्टैंडिंग काउंसल कीर्तिमान सिंह व अमित महाजन ने पीठ को बताया कि देशभर में 19 मई तक कुल 7251 मामले सामने आये थे। वहीं दिल्ली में 200 मामले हैं जोकि देशभर के मामलों में महज तीन फीसद मामले हैं। उन्होंने बताया कि दवा की कमी के कारण प्रत्येक राज्य को वहां के मामलों आधार पर दवा का आवंटन किया गया है।

तीन हिस्सों में स्टाक दिया जा रहा है और दिल्ली को अभी 3150 शीशी आवंटित की गई है। इस पर पीठ ने कहा कि हम ये देखने नहीं बैठे हैं कि किस राज्य को कम या ज्यादा दिया जा रहा है। हमें सरकार पर भरोसा है और हम यह जानना चाहते हैं कि वे दवा का उत्पादन बढ़ाने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं। महाजन ने पीठ को बताया कि देश में पांच कंपनी इस दवा को बना रही है और उन्हें उत्पादन क्षमता बढ़ाने को कहा गया है। इसके साथ ही विदेशों से भी दवा आयात करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.