Delhi News: जलजमाव के लिए दिल्ली सरकार जिम्मेदार, सिसोदिया को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा देना चाहिए: आदेश गुप्ता
Delhi News उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) का काम संभालने के बाद उन्होंने बार-बार यह दावा किया था कि इस बार मानसून दिल्ली में जलभराव की समस्या नहीं होगी।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। मानसून की पहली वर्षा से ही राजधानी में कई स्थानों पर लोगों को जलजमाव और यातायात की समस्या का सामना करना पड़ा। इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। भाजपा ने इस समस्या के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उसका कहना है कि मानसून में जलजमाव की समस्या हल करने के लिए दिल्ली सरकार की व्यवस्था की सच्चाई सामने आ गई है।
प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि कई इलाकों में जलजमाव से स्पष्ट है कि दिल्ली सरकार का काम सिर्फ कागजों तक सीमित है। पिछले आठ वर्षों से आप की सरकार है, लेकिन जलजमाव की समस्या हल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। प्रत्येक वर्ष दिल्लीवासी परेशान होते हैं।
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि जगह-जगह जलजमाव दिल्ली सरकार की बड़ी विफलता है। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) का काम संभालने के बाद उन्होंने बार-बार यह दावा किया था कि इस बार मानसून दिल्ली में जलभराव की समस्या नहीं होगी।
इसके विपरीत प्रह्लादपुर के अंडरपास में पानी भरने से उसे बंद करना पड़ा। इसी तरह आइटीओ और आसपास के इलाके में सड़क पर पानी भरने से लोग परेशान रहे। उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी के नालों की सफाई नहीं होने से यह समस्या हो रही है। सरकार को तत्काल इस पर ध्यान देना चाहिए।
वहीं भाजपा ने भाजपा ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार बलिदानियों के नाम पर बने स्कूलों को बंद कर रही है। बलिदानी अमीर चंद के नाम पर लुडलो कैसल स्थित सवरेदय विद्यालय भी बंद कर दिया गया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि सरकार का यह कदम बलिदानियों का अपमान है। सरकार को तुरंत अपना निर्णय वापस लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आप सरकार प्रत्येक वर्ष 100 स्कूल खोलने का वादा किया था। नए स्कूल खोलने की जगह इस साल 31 स्कूल बंद कर कर दिए गए। उन्होंने कहा कि लुडलो कैसल सवरेदय विद्यालय 59 साल पुराना है। इसमें दो हजार से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल प्रबंधन कमेटी और अभिभावकों की सहमति के बिना ही शंकराचार्य मार्ग पर स्थित एक अन्य स्कूल में समायोजित कर दिया गया है। स्कूल बंद कर खेल विश्वविद्यालय खोलने की बात कही जा रही है।