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महज 20 साल की उम्र से ही बाल मजदूरी के खिलाफ छेड़ रखा अभियान, पढ़िए विराट की कहानी

आदर्श नगर के विराट तिवारी पढ़ाई के साथ साथ शिक्षा से वंचित उन छात्रों को भी शिक्षित करने में जुटे हैं जो बाल मजदूरी के दलदल में फंसे हैं। महज 20 वर्ष की आयु में ही विराट ने बाल मजदूरी के खिलाफ अभियान छेड़ दिया था।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 04:09 PM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 04:09 PM (IST)
महज 20 साल की उम्र से ही बाल मजदूरी के खिलाफ छेड़ रखा अभियान, पढ़िए विराट की कहानी
विराट ने बाल मजदूरी के खिलाफ अभियान छेड़ा है जो उनके हौसले और कुछ करने की शिद्दत को दर्शाता है।

बाहरी दिल्ली, [शिप्रा सुमन]। आदर्श नगर के विराट तिवारी पढ़ाई के साथ साथ शिक्षा से वंचित उन छात्रों को भी शिक्षित करने में जुटे हैं जो बाल मजदूरी के दलदल में फंसे हैं। महज 20 वर्ष की आयु में ही विराट ने बाल मजदूरी के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है जो उनके हौसले और समाज के लिए कुछ करने की शिद्दत को दर्शाता है।

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पिछले दो वर्षों से वह बाल मजदूरी और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। विराट शिक्षा के क्षेत्र में इस कोशिश के लिए पुरस्कार से नवाजे भी गए हैं।

अभिभावकों की जागरूकता है जरूरी

विराट ने बताया कि बच्चों के जीवन में शिक्षा का प्रकाश लाने के लिए उन्होंने सबसे पहले अभिभावकों को जागरूक करना मुनासिब समझा। वह पिछले कुछ महीनों से क्षेत्र की झुग्गियों में सर्वेक्षण कार्य भी कार्य कर रहे हैं। इसके तहत वह उन बच्चों की सूची बना रहे हैं जो विद्यालय नहीं जा पाते।

इसका कारण जानने के लिए उनके माता-पिता से बात करते हैं और विद्यालय में दाखिले के लिए उनसे अपील करते हैं। वह अबतक दर्जनों बच्चों को स्कूल में दाखिला करवा चुके हैं। वहीं 40 से अधिक आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा दे रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने करीब 500 बच्चों को पढ़ने की सामग्री दी है ताकि बच्चों में शिक्षा की तरफ रुझान बना रहे। 

समान शिक्षा प्रणाली की मांग

विराट दिल्ली विश्वविद्यालय के स्वामी श्रद्धानंद कालेज में अंतिम वर्ष के छात्र हैं। वह अपनी पढ़ाई के साथ साथ गैर सरकारी संस्था को भी संचालित कर रहे हैं। अपने सहयोगियों के साथ मिलकर वह बच्चों को बाल मजदूरी से दूर करने में जुटे हैं। इसके तहत उन्होंने अबतक 20 बच्चों को बाल मजदूरी से छुटकारा दिलाया है। विराट लगातार समान शिक्षा प्रणाली लागू करने की मांग भी कर रहे हैं।

उनका मानना है कि शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है और इससे उन्हें वंचित रखकर मजदूरी या दूसरे कार्य करवाना समाज को पिछड़ा बनाता है। इसलिए शिक्षा की जिम्मेदारी सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए जिसमें सभी आय वर्ग के बच्चों को एक समान शिक्षा प्रदान करना चाहिए। शिक्षा के क्षेत्र में उनके इस योगदान के लिए वर्ष 2019 में युवा गौरव सम्मान मिल चुका है। 


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