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15 लाख में बिके कृषि कानून विरोधी प्रदर्शन के गवाह बने मंच व पंडाल, देखिए तस्वीरें

जैसे -जैसे प्रदर्शन की समय अवधि बढ़ती रही वैसे वैसे दोनों ही बार्डरों पर मंच व पंडाल का स्वरूप भी बदलता रहा।लोहे के पाइपों व लकड़ी के फट्टों से बने मजबूत मंच से प्रदर्शनकारी नेता हुंकार भरते थे तो पंडाल की छत लोहे की चादरों से बनाई गई थीं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 11 Dec 2021 09:42 PM (IST)Updated: Sat, 11 Dec 2021 09:49 PM (IST)
15 लाख में बिके कृषि कानून विरोधी प्रदर्शन के गवाह बने मंच व पंडाल, देखिए तस्वीरें
मोर्चा के 12 लाख व किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के मंच व पंडाल को तीन लाख में बेचा गया। हरीश।

नई दिल्ली [संजय सलिल]। कृषि कानूनों विरोधी प्रदर्शन को अंतिम मुकाम तक पहुंचाने वाले सिंघु- कुंडली बार्डर पर बने मंच व पंडाल 15 लाख में बिक गए। दिल्ली के कबाड़ियों ने दोनों ही बार्डरों पर बने मंचों व पंडालों को खरीदा है। इनमें कुंडली बार्डर के संयुक्त किसान मोर्चा के मंच समेत पंडाल के लिए 12 लाख चुकाने होंगे। सिंघु बार्डर के किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के मंच व पंडाल के लिए तीन लाख देने होंगे। शनिवार दोपहर एक बजे तक कबाड़ियों के श्रमिक संयुक्त किसान मोर्चा के मंच को पूरी तरह से उखाड़कर उसके कबाड़ को गाड़ियों में भर चुके थे और पंडाल को हटाने का काम तेजी से कर रहे थे। इसी तरह सिंघु बार्डर पर मंच व पडाल को हटाने का काम भी अंतिम चरण में था।

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दरसअल जैसे -जैसे प्रदर्शन की समय अवधि बढ़ती रही, वैसे वैसे दोनों ही बार्डरों पर मंच व पंडाल का स्वरूप भी बदलता रहा। मौजूदा समय में लोहे के पाइपों व लकड़ी के फट्टों से बने मजबूत मंच से प्रदर्शनकारी नेता हुंकार भरते थे तो पंडाल की छत लोहे की चादरों से बनाई गई थीं। पंडाल को लोहे के पाइपाें के सहारे खड़ा किया गया था।

ऐसे में दोनों ही मंच व पंडाल को बनाने में कई टन लोहा इस्तेमाल किया गया था। अब जब प्रदर्शन समाप्त हो चुका है तो लोहे को कबाड़ियों ने खरीद लिया है। 

संयुक्त किसान मोर्चा के मंच व पंडाल में लगे लोहे को नरेला के सफियाबाद रोड के कबाड़ी नदीम ने खरीदा है। उन्होंने इसकी पुष्टि करते हुए एक मुश्त 12 लाख में सौदा होने की बात कही। इसी तरह से सिंघु बार्डर पर किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (पंजाब) के मंच व पंडाल को भी नरेला के ही एक कबाड़ी ने खरीदा है। मौके पर मिले कबाड़ी ने बताया कि उन्होंने किलाे के हिसाब से लोहे की चादरों व पाइपों को खरीदा है। उन्हें करीब तीन लाख रुपये देने होंगे।


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