दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त बोले सोशल मीडिया से अराजकता फैलाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
टूलकिट मामला सामने आने के बाद अब दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया पर सख्त निगरानी कर रही है। यदि कोई सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हुए किसी भी तरह से अराजकता फैलाने का प्रयास करता है या अफवाह फैलाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
नई दिल्ली, एएनआइ। टूलकिट मामला सामने आने के बाद अब दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया पर सख्त निगरानी कर रही है। यदि कोई सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हुए किसी भी तरह से अराजकता फैलाने का प्रयास करता है या अफवाह फैलाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसे लोगों की पहचान करके उन पर सख्त एक्शऩ लिया जाएगा।
पुलिस आयुक्त से जब सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने विस्तार से इस बारे में जानकारी दी। दरअसल 26 जनवरी को दिल्ली में हुए उपद्रव के बाद एक एक करके मामले का खुलासा हो रहा था।
इसी में पुलिस को पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के बारे में पता चला फिर टूलकिट सामने आया। उसके बाद पुलिस ने इस मामले में कई गिरफ्तारियां भी की। इन पर मुकदमा चल रहा है। अब दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया पर भी बारीकी से नजर रखने की योजना पर काम कर रही है।
सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके किया गया माहौल खराब
किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया गया था। इस रैली की आड़ में राजधानी में उपद्रव मचाया गया, लाल किले की प्राचीर तक पहुंचकर उपद्रवियों ने हंगामा किया। दिल्ली पुलिस पर हमला किया, लाखों रूपये के वाहन को क्षति पहुंचाई।
इसके बाद पुलिस ने मामले की छानबीन करना शुरू किया तो एक-एक करके चीजें सामने आती गई। इसी छानबीन में टूलकिट के बारे में भी पता चला। इस टूलकिट के माध्यम से आंदोलन के दौरान कैसे काम करना है, क्या रणनीति है इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्रसारित की गई थी।
क्या है टूलकिट?
दरअसल टूलकिट एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें किसी मुद्दे की जानकारी देने के लिए और उससे जुड़े कदम उठाने के लिए इसमें विस्तृत सुझाव दिए गए होते हैं। आमतौर पर किसी बड़े अभियान या आंदोलन के दौरान उसमें हिस्सा लेने वाले वॉलंटियर्स को इसमें दिशानिर्देश दिए जाते हैं। टूलकिट का पहली बार इस्तेमाल अमेरिका में ब्लैक लाइव क्लॉयड की मौत के बाद आंदोलन को दिशा देने के लिए किया गया था। उसके बाद अब किसानों के आंदोलन में इसका इस्तेमाल किया गया।
ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट से चर्चा में आया टूलकिट
टूलकिट की शुरुआत चाइल्ड एक्टिविस्ट के तौर पर चर्चित रहीं ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunbergs) के ट्वीट से फिर से हो गई है। किसान आंदोलन के समर्थन में ग्रेटा थनबर्ग ने एक ट्वीट किया और एक टूलकिट (toolkit) नाम का एक डॉक्यूमेंट शेयर किया।
इसको देखकर सोशल मीडिया पर काफी हंगामा हुआ। हंगामा होने के बाद ग्रेटा ने ये ट्वीट डिलीट कर दिया और दूसरा ट्वीट कर दूसरा टूलकिट डॉक्यूमेंट शेयर कर दिया। ग्रेटा थनबर्ग द्वारा शेयर की गई इस टूलकिट में किसान आंदोलन के बारे में जानकारी जुटाने और आंदोलन का साथ कैसे करना है इसकी पूरी डिटेल दी गई थी।