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दक्षिण दिल्ली को पूर्वी दिल्ली से जोड़ने वाले एलिवेटेड कारिडोर की बाधा होगी दूर, फरवरी तक मिलेगी आठ एकड़ जमीन

दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली के बीच की राह आसान करने के लिए बनाए जा रहे साढ़े तीन किलोमीटर लंबे बारापूला फेज-तीन एलिवेटेड कारिडोर की बाधा दूर हो गई है। अब फरवरी के दूसरे सप्ताह तक किसानों की वह आठ एकड़ जमीन मिल जाएगी।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 09:41 AM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 09:41 AM (IST)
दक्षिण दिल्ली को पूर्वी दिल्ली से जोड़ने वाले एलिवेटेड कारिडोर की बाधा होगी दूर, फरवरी तक मिलेगी आठ एकड़ जमीन
करीब 500 मीटर में अभी खेत हैं, जिनके ऊपर से परियोजना को गुजरना है।

नई दिल्ली [वी.के.शुक्ला]। दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली के बीच की राह आसान करने के लिए बनाए जा रहे साढ़े तीन किलोमीटर लंबे बारापूला फेज-तीन एलिवेटेड कारिडोर की बाधा दूर हो गई है। अब फरवरी के दूसरे सप्ताह तक किसानों की वह आठ एकड़ जमीन मिल जाएगी, जिसके लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) पिछले सात साल से इंतजार कर रहा है। जमीन न मिलने से इस योजना के मयूर विहार फेज-एक की तरफ के हिस्से में यमुना के किनारे काम नहीं हो सका है। करीब 500 मीटर में अभी खेत हैं। जिनके ऊपर से परियोजना को गुजरना है।

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दिल्ली सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि परियोजना के तहत 8.5 एकड़ जमीन अधिग्रहण के लिए लैंड डिक्लेरेशन पिछले साल अगस्त में किया गया था। इसकी अंतिम तारीख पांच जनवरी थी, जो निकल चुकी है। मगर प्रशासन ने अब इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 15 दिन का समय और बढ़ा दिया है, यह समयसीमा भी 20 जनवरी को पूरी हो जाएगी। इसके बाद भूमि अधिग्रहण का काम पूरा होगा। कुल मिलाकर फरवरी से दूसरे सप्ताह तक किसानों की जमीन पीडब्ल्यूडी को सौंप दी जाएगी।

इस योजना के तहत मयूर विहार फेज-एक की तरफ ही यमुना के किनारे विवाद वाले हिस्से में से करीब 100 मीटर जमीन एक साल पहले ही पीडब्ल्यूडी को मिल चुकी है। इस जमीन पर एक पिलर बनाने का काम लगभग पूरा होने वाला है। जबकि अभी एक हिस्से में 400 मीटर और दूसरे हिस्से में 290 मीटर जमीन मिलनी शेष है। यानी परियोजना पूरी करने के लिए कुल मिलाकर 690 मीटर जमीन की आवश्यकता है।

पीडब्ल्यूडी को जमीन मिलने के बाद फाउंडेशन तैयार करने होंगे। फ्लाइओवर का यह स्ट्रेच पूरा होने में करीब डेढ़ से दो साल का वक्त लगेगा। ऐसा इसलिए है कि यमुना नदी के बीच में अभी एक पिलर बनना है। इसका फाउंडेशन यमुना के बहाव से एक बार टेढ़ा हो चुका है। अब इसे फिर से बनाया जा रहा है। इस बार इस कार्य में और सतर्कता बरती जा रही है। इसी पर यमुना नदी को क्रास करने के लिए ब्रिज बनेगा।

इसलिए फाउंडेशन बनाने के सात-आठ महीनों तक इसे ऐसे ही छोड़ना पड़ेगा, ताकि वह जमीन के अंदर जितना अधिक से अधिक हो सके बैठ जाए। इसके बाद ब्रिज बनाने के लिए स्लैब का लोड डाला जाएगा। इसमें डेढ़ या दो साल का वक्त लगेगा। तब तक सराय काले खां और पूर्वी दिल्ली मयूर विहार फेज-एक बारापूला फेज-एक फ्लाईओवर से नहीं जुड़ पाएगा। इसके बनने के बाद मयूर विहार फेज-एक से एम्स तक बारापूला के माध्यम से मार्ग सिग्नल फ्री हो जाएगा। अभी सराय काले खां से एम्स तक दो फेज में बारापुला बना हुआ है।

23 सितंबर 2014 को हुआ था शिलान्यास

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने दिल्ली सरकार से जल्द इस जमीन का कब्जा दिलवाने का आग्रह किया है। जिससे इस पर काम शुरू हो सके। बारापुला फेज-तीन परियोजना का 23 सितंबर 2014 को शिलान्यास हुआ था। उस समय दिल्ली में चुनी हुई सरकार नहीं थी। इसका शिलान्यास तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था।


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