कोरोना टीके के साइड इफेक्ट के लिए एसओपी जारी, सांस लेने में दिक्कत पर होंगे अस्पताल रेफर
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष डा अनिल गोयल ने बताया कि टीकाकरण के बाद साइड इफेक्ट की संभावना को देखते हुए सरकार ने स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर भी जारी किया है। एलर्जी बुखार घबराहट या टीका लगने की जगह पर दर्द होता है तो टीकाकरण केंद्र पर ही इलाज किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के कोषाध्यक्ष डा अनिल गोयल ने बताया कि टीकाकरण के बाद इससे होने वाले साइड इफेक्ट की संभावना को देखते हुए सरकार ने स्टैंडर्ड आपरे¨टग प्रोसीजर (एसओपी) भी जारी किया है।
उन्होंने कहा कि हर टीकाकरण केंद्र को बड़े टर्शरी केयर सेंटर के साथ जोड़ा गया है, ताकि अगर कोई बड़ा साइड इफेक्ट होता है तो टीका लगवाने वाले वालंटियर को तुरंत अस्पताल में रेफर किया जा सके। हालांकि, डाक्टर गोयल का कहना है कि साइड इफेक्ट की संभावना नहीं है। लेकिन सरकार ने एहतियात के तौर पर सारी तैयारी की है। साथ ही इलाज के लिए भी एसओपी दी है।
दरअसल 16 जनवरी से वैक्सीन लगाने का काम शुरू होने वाला है। कई जगहों पर वैक्सीन के ट्रायल के दौरान ये बात सामने आई थी कि जिनको वैक्सीन लगाई गई है उनको साइड इफेक्ट हो रहा है। कुछ को एलर्जी और अन्य तरह की शिकायतें सामने आई हैं। इसको ध्यान में रखते हुए ही अब इसके लिए विभाग की ओर से एक एसओपी जारी कर दी गई है। यदि किसी को एलर्जी होती है तो उसके इलाज के लिए क्या-क्या कदम उठाए जाएंगे।
इसी के साथ ये भी तय किया गया है कि जिन जगहों पर वैक्सीन लगाई जाएगी वो सभी बड़े अस्पतालों से जुड़े रहेंगे जिससे यदि टीका लगवाने वाले किसी को साइड इफेक्ट होता है तो उसे तुरंत अस्पताल रेफर किया जा सके और उसका इलाज हो सके।
क्या है एसओपी में
टीका लगने के बाद 30 मिनट तक वालंटियर को टीकाकरण केंद्र पर ही देखरेख में रखा जाएगा। एलर्जी, बुखार, घबराहट या टीका लगने की जगह पर दर्द होता है तो टीकाकरण केंद्र पर ही इलाज किया जाएगा। सांस लेने जैसी दिक्कत होती है तो ऐसी स्थिति में वालंटियर को बड़े अस्पताल में रेफर किया जाएगा। साइड इफेक्ट होने पर मना करने वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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