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2022 तक इस राज्य में लगेगा 4000 मेगावाट का सोलर प्लांट, बनाई गई सौर उर्जा नीति

हरियाणा में 85 मेगावाट क्षमता के ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पॉवर प्लांट लग चुके हैं। अकेले गुरुग्राम में 25 मेगावाट का रूफटॉप सोलर प्लांट लगा है।

By Edited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 06:56 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 02:13 PM (IST)
2022 तक इस राज्य में लगेगा 4000 मेगावाट का सोलर प्लांट, बनाई गई सौर उर्जा नीति
2022 तक इस राज्य में लगेगा 4000 मेगावाट का सोलर प्लांट, बनाई गई सौर उर्जा नीति

गुरुग्राम (जेएनएन)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष-2022 तक देश में सौर ऊर्जा से एक लाख मेगावाट बिजली बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत देश के सभी राज्यों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी अभियान के तहत हरियाणा सरकार ने वर्ष 2022 तक राज्य में 4000 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा से पैदा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए हरियाणा सरकार ने राज्य में सौर ऊर्जा नीति तैयार कर ली है। इसका उद्देश्य प्रदेश में सौर ऊर्जा निवेशकों को अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराना है।

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 ये जानकारी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दी है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को गुरुग्राम के सेक्टर-56 स्थित देवेन्द्र देवेंद्र विहार में आर्मी वैलफेयर हाउसिंग ऑर्गनाइजेशन सोसायटी, में स्थापित किए गए 348 किलोवाट क्षमता के सोलर पॉवर प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। इसके बाद जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने राज्य में सौर ऊर्जा के भविष्य की योजनाओं का जिक्र किया। 

मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा में अब तक कुल 85 मेगावाट क्षमता के ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पॉवर प्लांट लग चुके हैं। जिला गुरुग्राम में पिछले चार वर्ष में अनुदान योजना के तहत घरेलू क्षेत्र, निजी शिक्षण संस्थाओं तथा सामाजिक भवन के क्षेत्र पर 5.7 क्षमता के 430 प्रोजेक्ट लग चुके हैं, जिनमें लगभग 3 करोड़ की सबसिडी दी जा चुकी है।

इनके अलावा, 19 मेगावाट के 250 प्रोजेक्ट बिना सबसिडी के भी स्थापित हुए हैं। इस प्रकार अकेले जिला गुरुग्राम में ही लगभग 25 मेगावाट क्षमता के ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पॉवर प्लांट लग चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष-2022 तक देश में एक लाख मेगावाट सौर ऊर्जा पैदा करने का लक्ष्य रखा है।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर भी जोर
भूमिगत जल रिचार्ज करने की जरूरत पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विकसित सेक्टरों एवं परिसरों में 500 वर्ग गज या इससे बड़े भवनों के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य किया हुआ है। उन्होंने कहा कि देवेंद्र विहार में भी आते ही उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि यहां पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग का सिस्टम लगा हुआ है या नहीं। उन्हें बताया गया कि इस सोसायटी में यह सिस्टम चालू है।


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