Delhi में टीके का दुष्प्रभाव एक फीसद से भी कम, किसी में नहीं दिखी गंभीर श्रेणी की समस्या
राजधानी में 81 केंद्रों पर तीन दिन टीकाकरण अभियान चला है। इस दौरान 12852 लोगों को टीका लग चुका है। इसमें से एक फीसद से भी कम 93 लोगों में स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें सामने आई हैं। इनमें से चार ऐसे भी रहे जिन्हें अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा।
स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली। राजधानी में 81 केंद्रों पर तीन दिन टीकाकरण अभियान चला है। इस दौरान 12,852 लोगों को टीका लग चुका है। इसमें से एक फीसद से भी कम 93 लोगों में स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें सामने आई हैं। इनमें से चार ऐसे भी रहे जिन्हें अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा। चार में तीन को कुछ घंटे बाद ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। वहीं, लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर फिलहाल राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में हैं और उनका स्वास्थ्य ठीक बताया जा रहा है।
विशेषज्ञों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग इन्हें दुष्प्रभाव की जगह टीका लगने के बाद प्रतिकूल असर (एडवर्स इंवेट फॉलोइंग वैक्सीनेशन) की श्रेणी में रख रहा है। यह असर टीके की वजह से हैं या दूसरे कारणों से इसकी विवेचना की जा रही है। राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल के कोरोना मामलों के नोडल अधिकारी डॉ. विकास डोगरा कहते हैं कि किसी भी तरह के टीका लगने के बाद कुछ लोगों में असर देखा जाता है। इसी तरह से कोरोना के टीके में भी यही बात सामने आ रही है।
अच्छी बात यह है कि अभी तक गंभीर श्रेणी की समस्या किसी लाभार्थी में नहीं आई है। ज्यादातर टीके के बाद सूई वाली जगह पर सूजन, शरीर दर्द, चेहरा लाल होना, हल्का बुखार आदि के मामले सामने आ रहे हैं। इन्हें आंशिक असर की श्रेणी में रखा जा रहा है। टीके के बाद रक्तचाप गिरना, लाल धब्बे पड़ना और दिल की धड़कनें अनियमित होने को गंभीर श्रेणी में रखा जा रहा है। इसके अब तक चार मामले ही सामने आए हैं। अब तक 0.78 फीसद लाभार्थियों में प्रतिकूल असर देखा गया है।
शनिवार को रेलवे अस्पताल और एम्स में एक-एक लाभार्थी को भर्ती करना पड़ा था। दोनों को तीन से चार घंटे में छुट्टी दे दी गई थी। वहीं सोमवार को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में एक डॉक्टर और कर्मचारी को भर्ती किया गया था। कर्मचारी को तुरंत छुट्टी मिल गई थी। मंगलवार को दुष्प्रभाव के 16 मामले सामने आए थे।
कोरोना वैक्सीन को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों के आगे न आने से समाज में गलत संदेश जा रहा है। स्वास्थ्यकर्मियों को सरकार और विज्ञानियों पर भरोसा रखना चाहिए। वैक्सीन पूरे परीक्षण और औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद बाजार में आई है। जिसका इंतजार हम लोग पलकें बिछाए कर रहे थे, अब वह घड़ी आ गई है। इसका खुले मन से स्वागत करें। दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान में जागरूकता कार्यक्रम में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने स्वास्थ्यकर्मियों की भ्रांतियों को दूर करते हुए ये बातें कहीं।
टीके के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से यहां इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें संस्थान के निदेशक डॉ. बीएल शेरवाल, दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) के अध्यक्ष डॉ. अरुण गुप्ता, संस्थान के संयुक्त निदेशक डॉ. र¨वदर सिंह और क्लीनिकल आनकोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. प्रज्ञा शुक्ला ने स्वास्थ्यकर्मियों के मन में उठ रहे तमाम शंकाओं को दूर करने का प्रयास किया। इसके लिए प्रश्न-उत्तर सत्र भी चला। इसमें स्वास्थ्यकर्मियों ने दुष्प्रभावों को लेकर सवाल किए।
डॉ. शेरवाल ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों को इसमें प्राथमिकता इसलिए दी गई है क्योंकि कोरोना के जंग की शुरुआत से हम आगे रहे हैं और अभी भी जंग हमारे दम पर ही है। दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. अरुण गुप्ता ने कहा कि ये डरने का वक्त नहीं। अपने डर से लड़ने का वक्त है। ये टीकाकरण अभियान हमारे लिए अवसर है, जिसका फायदा उठाना चाहिए। डॉ. प्रज्ञा शुक्ला ने कहा कि अपनी बारी का इंतजार न करें। बल्कि स्वेच्छा से इसके लिए आगे आएं।
डॉ. प्रज्ञा ने कैंसर संस्थान में सबसे पहले टीका लगवाया था। स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल बढ़ाने को लेकर एक सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया। यहां टीका लगने के बाद लाभार्थी सेल्फी ले सकते हैं। इसे वह इंटरनेट मीडिया पर भी डाल सकते हैं।
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