कैट्स एंबुलेंस के पर्दे से दिल्ली पुलिस के एसआइ ने फांसी लगाकर दी जान
राजबीर मानसिक रूप से बीमार चल रहे थे इलाज के लिए उन्हें इहबास लाया गया था। जहां से उन्हें जीटीबी रेफर कर दिया गया था। उची बीच उन्होंने एंबुलेंस में लगे पर्दे का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
नई दिल्ली, शुजाउद्दीन। जीटीबी अस्पताल में शुक्रवार दोपहर कैट्स एंबुलेंस के अंदर दिल्ली पुलिस के एसआइ ने फांसी लगाकर जान दे दी। मृतक की पहचान राजबीर सिंह के रूप में हुई है। राजबीर मानसिक रूप से बीमार चल रहे थे, इलाज के लिए उन्हें इहबास लाया गया था। जहां से उन्हें जीटीबी रेफर कर दिया गया था। उसी बीच उन्होंने एंबुलेंस में लगे पर्दे का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
पुलिस के अनुसार राजबीर मूलरूप से हरियाणा के महेंद्रगढ़ के रहने वाले थे, फिलहाल वह अपनी पत्नी व बच्चों के साथ द्वारका में रहते थे। वह दिल्ली पुलिस में एसआइ थे और उनकी तैनाती दक्षिण पूर्वी जिले के डिस्ट्रिक लाइन में थी। पुलिस के अनुसार वह पिछले पांच दिनों से छुट्टे पर चल रहे थे। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजबीर मानसिक रूप से बीमार चल रहे थे। उनका इलाज द्वारका के एक अस्पताल से चल रहा था। शुक्रवार को उन्होंने कैट्स एंबुलेंस को फोन करके अपने घर पर बुलाया।
एंबुलेंस उन्हें पहले डीडीयू अस्पताल लेकर पहुंची, लेकिन उन्हें वहां से किसी बड़े अस्पताल में जाने को कहा गया। इसके बाद एंबुलेंस राजबीर को लेकर इहबास पहुंची, उनके साथ कोई तीमारदार न होने की वजह से उन्हें जीटीबी रेफर कर दिया गया। अंत में एंबुलेंस राजबीर को जीटीबी अस्पताल लेकर पहुंची, मानसिक बीमारी होने की वजह से उन्हें इहबास वापस जाने के लिए कहा गया।
एंबुलेंस का स्टाफ राजबीर को दोबारा से इहबास ले जाने की तैयारी कर रहा था, स्टाफ एमएलसी बनवा ही रहा था तभी राजबीर अस्पताल से निकले और एंबुलेंस में जाकर बैठ गए। खुद को अकेला पाकर उन्होंने एंबुलेंस में लगे पर्दे को फंदा बनाया और उसे लोहे की रॉड में बांधकर फांसी पर लटक गए। जैसे ही लोगों की नजर उनपर पड़ी, अस्पताल के बाहर हड़कंप मच गया। फंदे से उतारकर अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।