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सम-विषम के आधार पर दुकानदारों को दुकानें खोलने में झेलनी पड़ रही ये समस्या, आप भी जानें

कनाट प्लेस सदर बाजार चांदनी चौक और टैंक रोड समेत अन्य बाजारों में कुछ दुकानें बंद तो अधिकतर खुली थीं। दुकानदारों का तर्क है कि कई दुकानों का नंबर एक ही है। यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि कौन आड नंबर का माना जाएगा और कौन इवेन का।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Thu, 30 Dec 2021 12:50 PM (IST)Updated: Thu, 30 Dec 2021 12:50 PM (IST)
सम-विषम के आधार पर दुकानदारों को दुकानें खोलने में झेलनी पड़ रही ये समस्या, आप भी जानें
ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों के साथ बाजारों पर बढ़ती पाबंदियों से दिल्ली के बाजार चिंतित होने लगे हैं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों के साथ बाजारों पर बढ़ती पाबंदियों से दिल्ली के बाजार चिंतित होने लगे हैं। बुधवार से बाजारों में सम-विषम (आड-इवेन) के आधार पर दुकानों को खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हालांकि, पहले दिन बाजारों में इसका मिला-जुला असर दिखा। कनाट प्लेस, सदर बाजार, चांदनी चौक और टैंक रोड समेत अन्य बाजारों में कुछ दुकानें बंद तो अधिकतर खुली थीं। इसके पीछे दुकानदारों का तर्क है कि कई दुकानों का नंबर एक ही है। इसलिए यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि कौन आड नंबर का माना जाएगा और किसे इवेन नंबर का।

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वैसे, प्रशासन और दिल्ली पुलिस के साथ व्यापारिक संगठनों की बैठकें हो रही हैं। बाजार संगठन इसके लिए दुकानदारों को जागरूक कर रहे हैं। जबकि, दुकानदार प्रशासन से सड़क और फुटपाथों पर अवैध तरीके से बैठ रहे रेहड़ी-पटरी वालों को हटाने की मांग कर रहे हैं। फेडरेशन आफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन (फेस्टा) के महासचिव राजेंद्र शर्मा ने कहा कि बाजारों में सम-विषम या लाकडाउन की जगह कोरोना बढ़ने के कारणों पर रोक लगाई जानी चाहिए। रेहड़ी-पटरी वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि इनके चलते बाजारों में भीड़भाड़ दिख रहीं है और कोरोना दिशानिर्देशों का पालन नहीं हो पा रहा है।

रेडीमेड गारमेंट्स एंड क्लाथ डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सतवंत सिंह ने कहा कि यह व्यवहारिक समाधान नहीं है, क्योंकि इससे व्यापारियों को आर्थिक मुश्किलें बढ़ेगी। अभी सर्दी का मौसम चल रहा है। गर्म कपड़े रखे हैं। वे बिकेंगे नहीं तो साल भर रखे रह जाएंगे। इसी तरह जनवरी में शादियों के लिए लहंगा और फैंसी परिधान आए हुए हैं। वे भी नहीं बिके तो पुराने हो जाएंगे और उनकी मांग खत्म हो जाएगी।

बैंक्वेट हाल और फार्म हाउस को 50 फीसद की मिले अनुमति

कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) प्रदेश महामंत्री देवराज बवेजा और आशीष ग्रोवर ने बैंक्वेट हाल और फार्म हाउस पर पाबंदियों को शिथिल करने की मांग करते हुए कहा कि रेस्त्रां को 50 प्रतिशत क्षमता से चलाने की अनुमति है, लेकिन उससे क्षेत्रफल में अपेक्षाकृत बड़े बैंक्वेट हाल और फार्म हाउस में कार्यक्रमों में 20 लोगों की ही मौजूदगी की अनुमति दी गई है। यह अव्यवहारिक है।

उन्होंने कहा कि 14 जनवरी से शादियों का सीजन शुरू होने वाला है और सभी शादियां पहले ही तय हो चुकी हैं और जिनके इंतजाम पर काफी बड़ा खर्च हो चुका है। इसलिए डीडीएमए से आग्रह है कि बैंक्वेट्स और फार्म हाउस को भी 50 प्रतिशत क्षमता पर संचालित करने की अनुमति दी जाए।


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