Delhi Land Scam: दिल्ली में हुए 500 करोड़ रुपये के जमीन घोटाले में चौंकाने वाला खुलासा
Delhi Land Scam अलीपुर के झंगोला गांव और चिराग दिल्ली में हुए करोड़ों के भूमि घोटाले के उजागर होने के बाद राजनीतिक गरमा सकती है। इस बीच शुरुआती जांच में सामने आया है कि जमीन का आवंटन नियमों को दरकिनार करके किया गया।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। उत्तरी दिल्ली के अलीपुर इलाके में तकरीबन 500 करोड़ रुपये के जमीन घोटाले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। नियम और कानून के अनुसार, शत्रु संपत्ति (आजादी के समय देश छोड़कर पाकिस्तान चले गए लोगोें की) जमीन किसी और को नहीं दिया जा सकता है।
वहीं, शुरुआती जानकारी के मुताबिक, नियमों का दरकिनार करके अलीपुर के झंगोला गांव में 339 बीघा जमीन विभिन्न फर्मों को दे दी गई।
वहीं, दिल्ली भूूमि सुधार अधिनियम-1954 के अनुसार भूमिदारी के तहत कोई भी जमीन किसी फर्म हो नहीं दी जा सकती है। ऐसे में जमीन का आवंटन करते समय अधिकारियों ने नियमों का पालन तक नहीं किया गया।
उधर, अलीपुर के झंगोला गांव और चिराग दिल्ली में हुए करोड़ों के जिस भूमि घोटाले के उजागर होने को लेकर चर्चा हो रही है, इस घोटाले के उजागर करने के बारे में आम आदमी पार्टी ने कहा है कि यह घोटाला दिल्ली विधानसभा की समिति की कार्यवाही से उजागर हुआ है।
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि एसडीएम द्वारा सरकारी जमीन को कुछ लोगों के नाम कर देने का मामला जब उनकी पार्टी ने विधानसभा में उठाता तो राजस्व विभाग ने इसका जवाब नहीं दिया, अधिकारी जवाब देने से बचते रहे।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे विधानसभा की विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया।समिति ने जांच शुरू की तो परतें खुल रही हैं।
AAP ने कहा है कि उपराज्यपाल द्वारा चार एसडीएम को निलंबित करने सच यह है कि भ्रष्टाचारियों को बचाने और तथ्य छुपाने पर उस समय के मंडल आयुक्त संजीव खिरवार को नोटिस दिए गए।
AAP ने कहा है कहा है कि विशेषाधिकार समिति ने जांच की लेकिन एलजी कार्यालय ने इस बात को छिपाने की कोशिश की।उपराज्यपाल कार्यालय ने चार एसडीएम और अफसर को निलंबित करने का पूरा कारण मीडिया को नहीं बताया।
वहीं, विधानसभा सदन में जनवरी में प्रश्नकाल में जमीन घोटाले को आम आदमी पार्टी ने उठाया था।आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर कहा कि एलजी कार्यालय भ्रामक सूचना देने से बचे। उन्होंने कहा कि एलजी कार्यालय के अंदर अधिकारी या तो एलजी को गुमराह कर रहे हैं या फिर वो खुद गुमराह हो रहे हैं।