दिल्ली की कोर्ट का फैसला- 'शारीरिक संबंध फिर शादी का वादा, यह दुष्कर्म नहीं'
युवती के मुताबिक, नवंबर 2014 में आरोपी उसे अपना नया घर दिखाने के बहाने ले गया और वहां उसकी मर्जी के खिलाफ शारीरिक संबंध बनाए। उसके बाद शादी का वादा किया।
नई दिल्ली (जेएनएन)। युवक द्वारा शादी का झांसा देकर युवती से शारीरिक संबंध बनाने के मामले में दिल्ली की एक स्पेशल फास्ट ट्रेक कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। चाणक्यपुरी स्थित एक दूतावास में रहने वाले युवक पर आरोप लगा था कि उसने एक युवती से शारीरिक संबंध बनाए।
मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट इस नतीजे पर पहुंची कि उसके सामने ऐसा कोई विश्वसनीय या ठोस सबूत नहीं पेश किया गया। कोर्ट ने माना कि इससे जाहिर होता हो कि अभियुक्त ने युवती से जबरन या शादी का झूठा आश्वासन देकर शारीरिक संबंध बनाए।
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कोर्ट ने यह भी माना कि खुद युवती के बयान से जाहिर होता है कि आरोपी और उसके के बीच शारीरिक संबंध पहले बने, मामला पुलिस के सामने पहुंचने पर अभियुक्त ने उससे शादी का वादा किया। इस आधार पर कोर्ट बचाव पक्ष की दलील से सहमत हुई कि अभियुक्त और युवती के बीच आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बने थे, बाद में अभियुक्त पर शादी का दबाव बनाया गया, विवाद पुलिस के सामने पहुंचा तो अभियुक्त ने शादी का वायदा किया। ऐसे में शादी का झूठा वादा करके शारीरिक संबंध बनाने का आरोप बेबुनियाद है।
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यह था पूरा मामला
गौरतलब है कि आरोपी युवक एंबेसी के स्टाफ क्वॉर्टर में परिवार समेत रहता है। 10 फरवरी 2015 को बाबा हरिदास नगर थाने में दर्ज हुआ था। युवती के मुताबिक, उसकी एक कॉल सेंटर में इंटरव्यू के दौरान आरोपी से मुलाकात हुई थी। इसके बाद लगातार एक-दूसरे के संपर्क में रहे। इस दौरान फोन पर बातें होने लगीं।
घर दिखाने के बहाने किया दुष्कर्म
पीड़िता के मुताबिक, नवंबर 2014 में आरोपी उसे अपना नया घर दिखाने के बहाने ले गया और वहां उसकी मर्जी के खिलाफ शारीरिक संबंध बनाए। उसके बाद शादी का वादा किया। फिर जनवरी 2015 में शारीरिक संबंध बनाए।
युवती का कहना है कि शारीरिक संबंध बनाने के बाद युवक ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही उससे शादी कर लेगा। युवती का कहना है कि उसने आरोपी से शादी के लिए कई बार कहा, लेकिन वह बहाने बनाता रहा।
थाने में परिजनों के सामने किया था युवती से शादी का वादा
इस बाबत 5 फरवरी 2015 को युवती ने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई। अभियुक्त ने थाने के अंदर अपने परिजनों के सामने भी वादा किया कि अगली 10 फरवरी को कोर्ट में शादी करेगा। इस आधार पर पुलिस ने आगे कार्रवाई नहीं की, लेकिन आरोपी फिर से शादी के वादे से मुकर गया।
नहीं साबित हुआ जबरन संबंध बनाने का आरोप
वहीं, इन तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने माना कि अभियुक्त और शिकायतकर्ता युवती के बीच शारीरिक संबंध नवंबर 2014 और जनवरी 2015 के बीच बने, लेकिन शादी का वादा 5 फरवरी 2015 में किया गया। जबरन शारीरिक संबंध बनाने और शादी का झांसा देने का आरोप साबित नहीं हुआ।