JNU Violence: पुलिस ने की 7 और छात्रों की पहचान, कई सिक्यूरिटी गार्ड के बयान दर्ज
जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने सात नए छात्रों की पहचान की है। इसके अलावा पुलिस ने वार्डन 13 सिक्यूरिटी गार्ड और पांच छात्रों का बयान भी लिया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने सात नए छात्रों की पहचान की है। इन लोगों की पहचान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और तस्वीरों के आधार पर की गई है। इसके अलावा पुलिस ने वार्डन, 13 सिक्यूरिटी गार्ड और पांच छात्रों का बयान भी लिया है। एएनआइ के दिल्ली पुलिस के सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी है।
उधर, एसआइटी ने यूनाइटेड अगेंस्ट लेफ्ट नाम से वाट्सएप ग्रुप से जुड़े 37 विद्यार्थियों के लिए नोटिस जारी करने का फैसला किया है। आज उन्हें नोटिस भेजा जाएगा।
आईशी घोष समेत 9 को भी भेजा गया नोटिस
इससे पहले जेएनयू हिंसा मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने शनिवार को जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष समेत उन नौ विद्यार्थियों को नोटिस भेजा है जो 5 जनवरी को हुई हिंसा के आरोपित हैं। सभी नौ छात्रों को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस भेजा गया। छात्रओं को भेजे गए नोटिस में कहा गया है वे अपनी सुविधा के अनुसार अगले सप्ताह जिस तारीख में जहां भी जांच में शामिल होना चाहें एसआइटी को उसके बारे में जानकारी मुहैया करा दें, ताकि महिला पुलिस अधिकारी उनके बयान दर्ज कर सकें।
वहीं छात्रों (पुरुष) को जांच में शामिल होने के लिए क्राइम ब्रांच के कमला मार्केट स्थित ऑफिस आने को कहा गया है। कुछ छात्रों को 13 जनवरी तो कुछ को 14 व 15 जनवरी को बुलाया गया है। सभी नौ छात्रों से कहा गया है कि वे जांच में शामिल होकर एसआइटी का सहयोग करें। जांच में शामिल न होने पर समझा जाएगा कि वे दोषी हैं। ऐसे में उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। डीसीपी जॉय टिर्की के नेतृत्व में एसआइटी सभी से पूछताछ करेगी।
कैंपस में नुकसान का हो रहा आकलन
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में पांच जनवरी को हुई हिंसा व तोड़फोड़ के मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच की एसआइटी शुक्रवार को साइबर एफएसएल टीम के साथ जेएनयू पहुंची। गत 3 और 4 जनवरी को जेएनयू के सेंट्रलाइज सर्वर रूम को वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े छात्रों ने पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया था। जिसकी वजह से जेएनयू की ऑनलाइन सेवाएं पूरी तरह से बाधित हो गई थी। इससे जेएनयू प्रशासन को भारी नुकसान हुआ है। इसके बाद पांच जनवरी को भी कैंपस में मारपीट व तोड़फोड़ हुई। नुकसान का आकलन साइबर एफएसएल टीम कर रही है।
क्राइम ब्रांच का कहना है कि सर्वर रूम में हुए नुकसान का आकलन पुलिस नहीं कर सकती है। क्योंकि उन्हें टेक्नोलॉजी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। तकनीकी रूप से इस मामले में रिपोर्ट तैयार की जानी है। इसीलिए साइबर एफएसएल टीम को इसके आकलन के लिए कहा गया है। साइबर एक्सपर्ट ही तफ्तीश के बाद इसकी रिपोर्ट तैयार कर बताएंगे कि जेएनयू के सेंट्रलाइज सर्वर रूम में कितना नुकसान हुआ था।