तस्वीरों में देखिए सड़क का प्रदर्शनकारियों ने कैसा बना रखा था हाल, रोड साफ करने में पुलिस के छूट रहे पसीने
सिंघु बार्डर पर अब करीब 50 फिट की कंक्रीट की दीवार बची है। इसे भी हटाया जा रहा है। इसके दूसरी तरफ निहंगों ने डेरा डाल रखा था। यहीं पर अपने घोड़ों को बांध रखा था। यहां से लेकर करीब सात किलोमीटर दूर केएमपी फ्लाईओवर तक प्रदर्शनकारी बैठे थे।
नई दिल्ली/ गाजियाबाद [सोनू राणा/अवनीश मिश्र ]। दिल्ली-हरियाणा बार्डर (सिंघु बार्डर) पर एक साल से अधिक समय से धरना दे रहे कृषि कानून विरोधी आंदोलनकारियों ने बेशक धरना खत्म कर दिया है लेकिन वाहनों की आवाजाही अभी तक शुरू नही है। इसकी मुख्य वजह है बैरिकेडिंग और सड़कों की सफाई। पुलिस जेसीबी की मदद से बैरिकेड्स हटा रही है और रोड की सफाई का काम चल रहा है। ईंट-पत्थरों व सड़क पर फैली पराली को एक जगह इकट्ठा कर यहां से दूर ले जाया जा रहा है।
जागरण संवाददाता के अनुसार, सिंघु बार्डर पर अब करीब 50 फिट की कंक्रीट की दीवार बची है। इसे भी हटाया जा रहा है। इसके दूसरी तरफ निहंगों ने डेरा डाल रखा था। यहीं पर अपने घोड़ों को बांध रखा था। यहां से लेकर करीब सात किलोमीटर दूर केएमपी फ्लाईओवर तक प्रदर्शनकारी बैठे थे।
सिंघु बार्डर पर जेसीबी मशीन की मदद से मलबा हटाया जा रहा है। ट्रकों में लोड कर इसे दूसरी जगह ले जाया जा रहा है।
रास्ता नही खुलने की वजह से लोग सिंघु बार्डर पर मलबे के बीच पैदल हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करते हैं। इसके बाद जहां जाना होता है जाते हैं।
आंदोलनकारी जहां पर अस्थाई निर्माण बना कर रह रहे थे वहां पर गंदगी की भरमार दिखाई दे रही है। जहां पर बैरिकेडिंग हो रखी थी वहां पर भी रोड खराब हो गई है
सिंघु बार्डर पर अभी कंक्रीट की आखिरी दीवार पूरी तरह से नहीं हटाई गई है। इसके पास अभी कंटेनर भी रखे हुए हैं। इसके अलावा मलबा भी नहीं उठाया गया है। हाईवे पर जो सड़क खोदी गयी थी उसकी मरम्मत भी की जाएगी। इसके लिए 36 से 48 घंटे का समय लग सकता है। इसके बाद ही सिंघु बार्डर से वाहनों का आवागमन शुरू हो पाएगा।
सिंघु बार्डर से किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का आखिरी जत्था सोमवार दोपहर डेढ़ बजे पंजाब के लिए रवाना हुआ। ये लोग एक साल से यहां पर धरने पर बैठे थे।
वहीं, यूपी गेट पर साफ-सफाई की जा रही है। यूपी गेट पर पुल के नीचे भी टेंटो को हटाया जा रहा है।
यूपी गेट पर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर हुए पक्के निर्माण को जेसीबी की मदद से तोड़ा जा रहा है।
आंदोलनकारी बेशक अब घर लौट रहे हैं या फिर आंदोलन स्थल से जाने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन यूपी गेट पर अब भी प्रदर्शनकारियों का चेकपोस्ट चल रहा है।
बता दें कि कृषि कानून के विरोध में धरना दे रहे आंदोलनकारी मांगे पूरी होने के बाद अब घर जा रहे हैं। माना जा रहा है कि सड़कों की जल्द ही साफ सफाई हो जाएगी और वाहनों का आना-जाना फिर से शुरू हो जाएगा।
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