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जेल ब्रेक के बाद भी नहीं हैं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, तीसरी आंख की जद में है आधे से भी कम हिस्सा

तिहाड़ जेल में जरूरत की तुलना में महज एक तिहाई ही कैमरे लगे हैं। इसी तरह कैदियों के शरीर की पूरी स्कैनिंग करने की अभी व्यवस्था नहीं है।

By Amit MishraEdited By: Published: Wed, 06 Jun 2018 07:53 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jun 2018 06:19 PM (IST)
जेल ब्रेक के बाद भी नहीं हैं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, तीसरी आंख की जद में है आधे से भी कम हिस्सा
जेल ब्रेक के बाद भी नहीं हैं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, तीसरी आंख की जद में है आधे से भी कम हिस्सा

नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्रा]। तिहाड़ जेल इन दिनों सुर्खियों में बना रहता है। कभी जेल में पार्टी की बात सामने आती है तो कभी कैदियों व जेल कर्मचारियों के बीच मारपीट का मामला। स्थिति इस कदर बेकाबू हो जाती है कि जेल के इमरजेंसी सायरन को बजाना पड़ता है। यह सब पुख्ता सुरक्षा इंतजाम नहीं होने के कारण हो रहा है। 200 एकड़ में फैले तिहाड़ में दस अलग-अलग जेल की निगरानी महज 500 सीसीटीवी कैमरों के भरोसे है। एक जेल पर औसतन 30 कैमरे ही हैं। बाकी जेल के अधिकारियों के कार्यालय व मेन गेट पर लगे हुए हैं।

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अधर में है योजना 

एक जेल के अंदर कहीं दो तो कहीं तीन हजार कैदी हैं। जेल प्रशासन भी सीसीटीवी कैमरों की संख्या को नाकाफी बताते हुए इसमें सुधार करने की बात कह रहा है। जेल सूत्रों का कहना है कि अभी जरूरत की तुलना में महज एक तिहाई ही कैमरे लगे हैं। इसी तरह कैदियों के शरीर की पूरी स्कैनिंग करने की अभी व्यवस्था नहीं है। फुल बॉडी स्कैनर लगाने की तीन साल पुरानी योजना अभी पूरा होने का इंतजार कर रही है।

फरार हो गए थे दो कैदी

करीब तीन वर्ष पूर्व जब तिहाड़ जेल से दो कैदी सुरक्षा से जुड़े तमाम इंतजामों को धता बताते हुए फरार हो गए थे, तब यह कहा गया था कि तिहाड़ के पूरे परिसर को सीसीटीवी कैमरे की जद में लाया जाएगा। इस बाबत टेक्निकल इंटेलीजेंस से जुड़ी भारत सरकार की संस्था एनटीआरओ (नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन) से सलाह लेने की बात भी कही गई थी।

निगरानी का इंतजाम होना चाहिए

जेल सूत्रों की मानें तो तीसरी आंख की जद में तिहाड़ का आधा से भी कम हिस्सा आता है। जब भी जेल परिसर में हत्या या आत्महत्या का मामला सामने आता है तो तीसरी आंख की कमजोरी को दूर करने की बातें होती हैं।सुरक्षा की दृष्टि से यह ऐसी जेल जहां आतंकवादी से लेकर हाईप्रोफाइल कैदी सभी को रखा जाता है, यहां चप्पे-चप्पे की निगरानी का इंतजाम होना चाहिए।

कैमरों की संख्या को बढ़ाया जाएगा

तिहाड़ जेल के अतिरिक्त महानिरीक्षक राजकुमार का कहना है कि तिहाड़ में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत को देखते हुए अभी लोक निर्माण विभाग द्वारा सर्वे कराया जा रहा है। इस महीने इसकी रिपोर्ट आने की पूरी संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार कैमरों की संख्या को बढ़ाया जाएगा।   

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