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शिक्षकों के लिए खुशखबरी, अब जहां घर वहीं नौकरी

तबादले पॉलिसी अभी दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में लागू की गई है। उत्तरी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में भी लागू हो सकती है।

By Edited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 10:28 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 11:05 AM (IST)
शिक्षकों के लिए खुशखबरी, अब जहां घर वहीं नौकरी
शिक्षकों के लिए खुशखबरी, अब जहां घर वहीं नौकरी

नई दिल्ली, जेएनएन। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में शिक्षकों के तबादले में अब न सिफारिश चलेगी और न ही कोई अन्य जुगाड़। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने शिक्षकों के लिए नई तबादला नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति के तहत वर्ष में एक ही बार 31 अगस्त को तबादले होंगे। इतना ही नहीं, इसके लिए आवेदन भी ऑनलाइन ही होंगे। नई तबादला नीति में शिक्षकों को लिए यह सबसे अच्‍छी बात है कि अब जहां घर होगा वहीं नौकरी होगी। मतलब किसी शिक्षक ने दूसरे स्थान पर अपना घर खरीद लिया है तो उसे उसके घर के पास के स्‍कूल में तबादले में वरीयता मिलेगी।

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लगानी होगी तीन साल की रिपोर्ट
इसमें तीन साल की परफॉरमेंस रिपोर्ट भी लगानी होगी। शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, फिलहाल तबादले के लिए शिक्षकों को मुख्यालय के चक्कर लगाने पड़ते थे। इस प्रक्रिया को अब काफी सरल कर दिया है। अब प्रत्येक वर्ष 15 जुलाई तक निगम की वेबसाइट पर आवेदन करना होगा।

31 अगस्‍त को मुख्‍यालय से जारी होगी तबादले की सूची
इसके बाद 31 अगस्त को मुख्यालय द्वारा तबादले की सूची जारी कर दी जाएगी। इस सूची के बाद शिक्षक विद्यालय प्रशासन द्वारा तुरंत रिलिविंग के पात्र होंगे। हालांकि, इसमें कई शर्ते भी रखी गई हैं। यह नीति अभी दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में लागू की गई है। उत्तरी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में भी इस इसे लागू किया जा सकता है।

एक स्‍कूल में परिवार के दो सदस्‍य नहीं हो सकते 
एक स्कूल में एक परिवार के दो सदस्य नहीं हो सकते निगम की नई तबादला नीति में कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिससे केवल जरूरतमंद लोगों को ही तबादले का लाभ मिल सके। इसके तहत एक स्कूल में एक ही परिवार के नाते-रिश्तेदार और संबंधी तबादला नहीं करा सकेंगे। नई नीति में स्पष्ट किया गया है कि एक ही स्कूल में एक परिवार के दो सदस्यों को नहीं रखा जाएगा।

कन्‍या स्‍कूल में पुरुष शिक्षक का तबादला नहीं हो सकता
वहीं, कन्या विद्यालय में किसी पुरुष शिक्षक का तबादला भी नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं, यदि एक स्कूल से तबादला होने पर दोबारा उसी स्कूल में पांच वर्ष पूरा होने से पहले तबादला नहीं हो सकेगा।

शादी के बाद युवती के लिए ये नियम 
शादी होने पर शिक्षिका को मिलेगी वरीयता नई नीति से ऐसी शिक्षिकाओं को लाभ मिलेगा, जिनकी शादी के बाद घर बदल गया है। शादी होने के बाद शिक्षिका के तबादले के आवेदन को वरीयता दी जाएगी। इसके साथ ही बीमार होने की स्थिति में भी तबादले में वरीयता दी जाएगी। अगर किसी शिक्षक ने दूसरे स्थान पर अपना घर खरीद लिया है तो उसे भी तबादले में वरीयता मिलेगी।

तबादले की नीति पूरी तरह पारदर्शी 
यह होगा तरीका दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के तबादले की नीति पूरी तरह पारदर्शी होगी। जिस विद्यालय में पद खाली होंगे, उसी में तबादले किए जाएंगे। निगम के एक अधिकारी के अनुसार, इसके लिए शिक्षकों का पूरा ब्योरा वेबसाइट पर उपलब्ध होगा।

तीन स्‍कूलों का विकल्‍प देना होगा
इसमें स्कूलवार शिक्षकों का ब्योरा भी होगा। कहीं, कोई पद खाली होगा तभी वहां तबादला किसी का होगा। आवेदन के दौरान प्रत्येक आवेदनकर्ता को तीन स्कूलों का विकल्प देना होगा। अगर उन तीन स्कूलों में पद खाली होंगे तो ही वहां पर तबादला होगा। पूरे साल तबादले होने से होता था नुकसान दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में करीब सात हजार शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं।

इनके तबादले के आदेश वर्षभर जारी होते रहते थे। इसमें शिक्षकों की सिफारिश और पहुंच भी बहुत महत्व रखती थी। कई बार तो पैसा देकर तबादला कराने की बात भी सामने आती थी। इससे उन छात्रों का नुकसान अधिक होता था, जिनके शिक्षक या शिक्षिका बीच वर्ष में ही अपना तबादला करा लेते थे। इससे छात्रों की पढ़ाई बाधित होती थी।

अधिकारी का पक्ष
तबादले की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए नई नीति को मंजूरी दी गई है। यह नीति इस वर्ष से ही लागू हो गई है।
डॉ. नंदिनी शर्मा, अध्यक्ष, शिक्षा समिति, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम


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