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दिल्ली विश्वविद्यालय के विज्ञानियों ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में मौसम चक्र को लेकर किया सर्वे, चौंकानेे वाली जानकारी आई सामने

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हरियाली घट रही है बल्कि मौसम चक्र भी प्रभावित हो रहा है। इसे लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के विज्ञानियों ने एक शोध भी किया है जिसमें पता चला है कि दो दशक में दिल्ली-एनसीआर में 81 फीसद वन क्षेत्र घट गया है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 01:09 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 01:09 PM (IST)
दिल्ली विश्वविद्यालय के विज्ञानियों ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में मौसम चक्र को लेकर किया सर्वे, चौंकानेे वाली जानकारी आई सामने
दिल्ली-एनसीआर में कंक्रीट के जंगल बढ़ रहे हैं, विज्ञानियों की चिंता को बढ़ा रहे हैं।

नई दिल्ली, [संजीव कुमार मिश्र]। दिल्ली-एनसीआर में कंक्रीट के जंगल बढ़ रहे हैं, जो विज्ञानियों की चिंता को बढ़ा रहे हैं। दरअसल, इससे न सिर्फ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हरियाली घट रही है, बल्कि मौसम चक्र भी प्रभावित हो रहा है। इसे लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के विज्ञानियों ने एक शोध भी किया है, जिसमें पता चला है कि दो दशक में दिल्ली-एनसीआर में 81 फीसद वन क्षेत्र घट गया है, जबकि कंक्रीट के जंगल (आवासीय क्षेत्र) में 89 फीसद की वृद्धि हुई है।

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यह निष्कर्ष दिल्ली-एनसीआर में 1999 और 2019 में मौजूद भूमि से तुलना करके निकाला गया है। इस बीच जलीय क्षेत्र में इजाफा हुआ है और बंजर भूमि का दायरा सिमटा है। इससे फसल भूमि (कार्प लैंड) में भी एक फीसद से अधिक की वृद्धि देखने को मिली है। -89 फीसद की वृद्धि कंक्रीट के जंगलों में हुई

दिल्ली-एनसीआर में किया गया यह अध्ययन

23 जिले दिल्ली- एनसीआर के इसमें हैं शामिल

58,332 वर्ग किमी है दिल्ली-एनसीआर का कुल क्षेत्रफल

28,545 वर्ग किमी हरियाणा

14826 वर्ग किमी उत्तर प्रदेश

13,227 वर्ग किमी राजस्थान

1483 वर्ग किमी दिल्ली

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यूनाइटेड स्टेट जियोलाजिकल सर्वे में लैंडसेट-5 और लैंडसेट-8 उपग्रह के जरिये दिल्ली-एनसीआर में भूमि की मौजूदा स्थिति के आंकड़े प्राप्त किए गए हैं

विज्ञानियों ने ये कहा

-वन क्षेत्र के सिमटते दायरे पर विज्ञानियों ने जताई चिंता

-वन क्षेत्र का कम होना गंभीर। दिल्ली का तापमान प्रभावित होगा।

-कृषि व वन क्षेत्र कंक्रीट के जंगलों में तब्दील हो रहे हैं।

-भूमि पुनर्विकास शहरी योजना की खामियों को दूर करेगा।

-कंक्रीट के जंगलों को रोकने के लिए उपयुक्त सरकारी नीतियों की आवश्यकता।

वन क्षेत्र का दायर सिमटता जा रहा है। इसे लेकर सरकार को गंभीरता से प्रयास करने की जरूरत है। शोध के दौरान यह पाया गया कि जलीय क्षेत्र बढ़े हैं, लेकिन बहुत से जलीय क्षेत्रों पर अवैध कब्जे हो गए। कइयों का तो अस्तित्व ही खत्म हो गया, जबकि ये जलीय क्षेत्र मसलन, तालाब, झील तापमान को कम रखने में मददगार साबित होते हैं।

प्रो. डीडब्ल्यू पांडेय

शोध टीम में ये शामिल थे

संत प्रसाद--डीयू स्कालर

प्रो. डी डब्ल्यू पांडेय

प्रो. आरबी सिंह, भूगोल विभाग, दिल्ली स्कूल आफ इकोनामिक्स, डीयू

दिल्ली विश्वविद्यालय के विज्ञानियों ने दिल्ली-एनसीआर में वन क्षेत्र, बंजर भूमि, कंक्रीट के जंगल, जल क्षेत्र और फसल भूमि का अध्ययन किया। दो दशकों (1999 से 2019) में उपग्रह से प्राप्त चित्रों के विश्लेषण से पता चला कि दिल्ली-एनसीआर कंक्रीट के जंगलों में तब्दील होता जा रहा है। वन क्षेत्र घटते जा रहे हैं। 1999 के मुकाबले 2019 तक वन क्षेत्र में 81 फीसद तक की गिरावट आई। वहीं कंक्रीट के जंगल 89 फीसद से अधिक बढ़ गए।

एनसीआर में हर दस साल बाद इस तरह आया परिवर्तन

अध्ययन क्षेत्र 1999 फीसद 2009 फीसद 2019 फीसद

परिवर्तन फीसद फसल भूमि 28289.33 64.83 30931.01 70.88 28812.42 66.03 1.85

बंजर भूमि 11446.94 26.23 8568.09 19.64 10413.88 23.87 माइनस(-9.2)

वन क्षेत्र 1680.03 3.85 535.95 1.23 310.62 0.71 माइनस -81.51

जलीय क्षेत्र 171.55 0.39 110.85 0.25 221.88 0.51 29.34

आवासीय क्षेत्र 2048.35 4.69 3490.3 8.00 3877.4 8.89 89.29

नोट : भूमि के आंकड़े वर्ग किमी में दिए गए ह


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