अस्थायी अस्पतालों के नाम पर करोड़ों का घोटाला हुआ : आदेश गुप्ता
आदेश गुप्ता एवं उत्तर-पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने बृहस्पतिवार को दिल्ली सरकार पर सात स्थानों पर अस्थायी अस्पताल बनवाने में करोड़ों रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाया।बताया कि इस मामले में दिल्ली की एक अदालत ने भी एसीबी को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। भाजपा ने राजधानी में अस्थायी अस्पताल बनवाने में दिल्ली सरकार पर घोटाले का आरोप लगाया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता एवं उत्तर-पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने बृहस्पतिवार को दिल्ली सरकार पर सात स्थानों पर अस्थायी अस्पताल बनवाने में करोड़ों रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाया। प्रेस वार्ता में इन नेताओं ने बताया कि इस मामले में दिल्ली की एक अदालत ने भी भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
1256 करोड़ रुपये की लागत से बने हैं अस्थायी अस्पताल
गुप्ता ने कहा कि शालीमार बाग, किराड़ी, सुल्तानपुरी, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय, जीटीबी अस्पताल परिसर, सरिता विहार और रघुवीर नगर में 1256 करोड़ रुपये की लागत से अस्थायी अस्पताल बनने हैं, लेकिन निविदाओं में भारी घोटाला किया गया। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के एक वरिष्ठ अधिकारी की सेवानिवृत्ति के दिन ही सैम इंडिया को निर्माण कार्य सौंप दिया गया। साथ ही स्ट्रक्चरल ट्यूब के दाम बढ़ने के नाम पर टेंडर में 40 फीसद की वृद्धि कर दी गई।
केजरीवाल सरकार पर निशाना
उन्होंने कहा कि द्वारका स्थित 1725 बिस्तरों वाले अस्पताल को अभी तक चालू न करके अस्थायी अस्पताल पर इतनी भारी रकम खर्च की गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दूसरे राज्यों में जाकर चुनावी वादे कर रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि दिल्ली सरकार घोटालों में लिप्त है, जिसका जवाब उनके पास नहीं है।
मनोज तिवारी ने जांच के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग को लिखा पत्र
सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि अस्थायी अस्पताल बनवाने की परियोजना को मंजूरी बाद में मिली, लेकिन टेंडर पहले ही जारी कर दिया गया। इस मामले में जांच के लिए उन्होंने केंद्रीय सतर्कता आयोग को पत्र लिखा है।
टेंडर प्रकिया नियमों के अनुसार
लोक निमार्ण विभाग के पूर्व प्रमुख अभियंता शशिकांत ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया नियमों के अनुसार हुई है। भाजपा के लोग आम आदमी पार्टी के ऊपर कोई राजनीतिक द्वेष भावना से आरोप लगा रहे हों तो मुझे नहीं मालूम। मगर, टेंडर में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। ई-टेंडर निकाले गए हैं। हर टेंडर में कई कई कंपनियां आई हैं। जो भी आरोप लगाए गए हैं वे झूठ हैं।