आम्रपाली ग्रुप को दिवालिया घोषित करने के मामले में केंद्र भी SC में तलब
ये दूसरा ऐसा मामला है जहां किसी कंपनी को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। आम्रपाली को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और आम्रपाली ग्रुप को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सभी पक्षों को चार सप्ताह के भीतर जवाब देना होगा। चीफ जस्टिस दीपक मिश्र, जस्टिस एएम खानविलकर व जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच ने ये फैसला किया।
रियल इस्टेट फर्म आम्रपाली में सौ फ्लैट खरीदारों ने अपने हितों की रक्षा की गुहार लगाते हुए सु्प्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उनका अनुरोध है कि उन्हें भी बैंकों और वित्तीय संस्थानों की तरह ही सुरक्षित देनदार माना जाए।
बता दें कि फ्लैट खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आम्रपाली सिलिकॉन सिटी प्राइवेट लिमिटेड के दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
यह भी गौर करने वाली बात है कि ये दूसरा ऐसा मामला है जहां किसी कंपनी को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इससे पहले जेपी इंफ्रा को दिवालिया घोषित करने की चर्चा चली थी। फिलहाल मामला कोर्ट में है।
यह है मामला
याचिका बिक्रम चटर्जी और 106 अन्य खरीददारों ने दायर की है। इसमें आम्रपाली सिलकन सिटी प्रालि को दिवालिया घोषित करने के लिये बैंक आफ बड़ौदा के मामले में नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल का आदेश निरस्त किया जाए।
ट्रिब्यूनल ने चार सितंबर को बैंक आफ बडोदा की याचिका पर इस फर्म के खिलाफ दिवालिया घोषित करने संबंधी कानून के तहत कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया था।