2014 में केजरीवाल पर आपत्तिजनक भाषण देने का आरोप, SC ने दी व्यक्तिगत पेशी से छूट
कांग्रेस और भाजापा दोनों ही पार्टियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में मुकदमे का सामना कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ी राहत दी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। मई, 2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान जनसभा में कांग्रेस और भाजापा दोनों ही पार्टियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में मुकदमे का सामना कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ी राहत दी है। अमेठी की स्थानीय अदालत द्वारा बुलाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अरविंद केजरीवाल को व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान जनसभा में आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मुसाफिरखाना दीवानी न्यायालय तलब किया है।
यह है पूरा मामला
अरविंद केजरीवाल 2 मई, 2014 को अमेठी से आम आदमी पार्टी (AAP) प्रत्याशी रहे कुमार विश्वास के समर्थन में चुनावी रैली को संबोधित करने औरंगाबाद गांव पहुंचे थे। सभा में उन्होंने कांग्रेस व भाजपा पर तल्ख टिप्पणियां की थीं। तत्कालीन उड़नदस्ता मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार प्रेमचंद्र ने उनके खिलाफ चार मई, 2014 को मुकदमा दर्ज कराया था। इस भाषण में उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और भाजपा के पक्ष में डाला गया एक भी वोट 'खुदा और देश से गद्दारी' होगी।
आयोग ने बीजेपी की इस शिकायत पर कार्रवाई की है कि 2 मई को अमेठी में केजरीवाल ने एक जनसभा में कथित रूप से कहा था, 'अमेठी में अगर कोई कांग्रेस को वोट देगा, तो बुरा मत मानिएगा (इस टिप्पणी के लिए), वह देश से धोखा करेगा..क्या मैंने बहुत ज्यादा कह दिया..मैं एक बार फिर कहूंगा कि अगर कांग्रेस या भाजपा का एक भी वोट डाला गया, तो यह खुदा और देश के साथ गद्दारी होगी।' चुनाव आयोग को उनकी कथित टिप्पणी वाली एक सीडी मुहैया कराई गई है। नोटिस में कहा गया, '..आयोग की प्रथम दृष्टया राय है कि बयान देकर आपने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है।'