Move to Jagran APP

फुस्स हो रहे आंदोलन में हवा भरने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों को दिया नया लॉलीपाप

दिल्ली की सीमा पर बीते साल नवंबर माह से चल रहा किसानों के आंदोलन से भीड़ धीरे-धीरे कम होती जा रही है। अब इन सीमाओं पर बने टेंट में एक तिहाई लोग ही दिखाई पड़ते हैं। किसान संगठन यहां लोगों को बनाए रखने के लिए रणनीति बनाते रहते हैं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 06:33 PM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 05:39 PM (IST)
फुस्स हो रहे आंदोलन में हवा भरने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों को दिया नया लॉलीपाप
अब इन धरना स्थलों पर पहले वाली व्यवस्थाएं भी नहीं रह गई हैं।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली की सीमा पर बीते साल नवंबर माह से चल रहा किसानों के आंदोलन से भीड़ धीरे-धीरे कम होती जा रही है। अब इन सीमाओं पर बने टेंट में एक तिहाई लोग ही दिखाई पड़ते हैं। किसान संगठन यहां लोगों को बनाए रखने के लिए रोजाना कोई न कोई नई रणनीति बनाते हैं जिससे किसान यहां जुटे रहे। अब इन धरना स्थलों पर पहले वाली व्यवस्थाएं भी नहीं रह गई हैं।

loksabha election banner

लंगर का समय भी निश्चित कर दिया गया है वरना यहां 24 घंटे लंगर चलता था। जो लोग आंदोलन में शामिल नहीं थे वो यहां अपना पेट भरने के लिए ही आ जाया करते थे। यूपी गेट पर चल रहे धरना प्रदर्शन के लंगर में तो खोड़ा के एक वर्ग का सुबह शाम खाना पीना चल रहा था। जिस पर अब कुछ असर पड़ा है। यहां धरने पर बैठे किसानों ने ठंड तो किसी तरह से काट ली मगर अब गर्मी उन्हें बेचैन करने लगी है। टेंटों की शेप बदली जा रही है।

अब यहां बनाए गए मंचों पर बड़े नेता भी नहीं दिखाई देते हैं। 26 जनवरी को हुए उपद्रव के बाद से आंदोलन फीका पड़ने लगा। किसान संगठन किनारे होने लगे, कई ने साथ देना छोड़ दिया। पंजाब और अन्य राज्यों से आए किसान अपना बोरिया बिस्तर समेटकर वापस जा चुके हैं। अब यहां नौजवान किसान नहीं दिखाई देते। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत किसानों से धरना स्थल पर भीड़ बनाए रखने के लिए आसपास के इलाकों में पंचायत करके यहां आने के लिए कह चुके हैं। उन्होंने इन पंचायतों में पहुंचकर युवाओं को धरना स्थल पर आने के लिए निमंत्रण दिया मगर वो अधिक कामयाब नहीं हुआ।

Audio Viral: यूपी के किसान ने राकेश टिकैत से पूछा 'आप ममता के प्रचारक हैं', जवाब मिला 'बकवास मत करो'

अब किसान यूनियन ने किसानों में जान फूंकने के लिए एक नया शिगुफा छोड़ा है। इसके तहत अब किसानों से पैदल ही संसद मार्च तक चलने की अपील की गई है जिससे सरकार तीनों कृषि कानून को रद्द करे। मोर्चा के नेताओं की ओर से कहा गया है कि वो जल्द ही इस पैदल मार्च की तारीख का भी ऐलान करेंगे। इसमें शामिल होने के लिए किसानों को अपने वाहन से सीमा तक आना होगा, उसके बाद वो यहां से पैदल ही संसद तक जाएंगे। वहां अपना विरोध दर्ज करवाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.