संयुक्त किसान मोर्चा ने दी भाजपा सांसदों और विधायकों को दी ताजा धमकी, जानिये- क्या कहा
किसान नेताओं ने कहा कि जिस तरह का देश में माहौल बन रहा है इसमें आने वाले दिनों में भाजपा नेताओं का घर से निकलना भी दूभर हो जाएगा। आंदोलन का समर्थन करें वरना वह दिन दूर नहीं है जब लोग नेताओं को गांव में घुसने तक नहीं देंगे।
नई दिल्ली/सोनीपत [संजय निधि]। संयुक्त किसान मोर्चा ने भारतीय जनता पार्टी के सांसदों और विधायकों को साफ-साफ चेतावनी दी है कि वे उनके आंदोलन का समर्थन करें, नहीं तो उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। मोर्चा के नेताओं ने कहा कि जिस तरह का देश में माहौल बन रहा है, इसमें आने वाले दिनों में भाजपा नेताओं का घर से निकलना भी दूभर हो जाएगा। किसान संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने कहा कि मंगलवार को राजस्थान के हनुमानगढ़ में जिला परिषद की बैठक में सासंद निहालचंद ने आना था, लेकिन यहां बड़ी संख्या में किसान जमा हो गए, जिससे डरे भाजपा सांसद बैठक में आए ही नहीं।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता स्थिति बदलें। देश के कई हिस्सों में भारतीय जनता पार्टी व अन्य दलों के नेताओं ने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे संघर्ष को समर्थन देते हुए अपना पद छोड़ा है। मोर्चा के नेता डॉ. दर्शनपाल, गुरनाम सिंह चढूनी, अभिमन्यु कोहाड़ आदि ने कहा कि वह फिर से भाजपा समेत अन्य दलों के नेताओं से अपील कर रहे हैं कि वह आंदोलन का समर्थन करें, वरना वह दिन दूर नहीं है जब लोग नेताओं को गांव में घुसने तक नहीं देंगे।
कुरुक्षेत्र के भाजपा सांसद की किसानों ने तोड़ डाली कार
वहीं, हरियाणा के कुरुक्षेत्र के जागरण संवाददाता के मुताबिक, कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे लोगों ने मंगलवार को जमकर हंगामा किया। हद तो तब हो गई आंदोलनकारियों ने शाहाबाद में एक कार्यकर्ता के घर पहुंचे कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी की गाड़ी का घेराव कर लिया और पिछला शीशा तोड़ दिया। पुलिस ने कड़ी मशक्कत से सांसद की गाड़ी को आंदोलनकारियों के बीच से सुरक्षित निकाला। पूरी घटना के दौरान कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सैनी कार की अगली सीट पर बैठे थे, इस वजह से उन्हें किसी तरह की चोट नहीं आई। सांसद माजरी मोहल्ला में भाजपा कार्यकर्ता इंद्रजीत अरोड़ा के घर आए हुए थे।
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मिट्टी सत्याग्रह यात्रा पहुंची कुंडली
इस बीच देशभर में मिट्टी सत्याग्रह यात्रा मंगलवार को कुंडली बॉर्डर पर पहुंची। इस यात्रा से लाई गई मिट्टी का इस्तेमाल बार्डर पर बन रहे शहीद स्मारक में किया जाएगा। मिट्टी सत्याग्रह यात्रा शहीद भगत सिंह के गांव खटकड़ कलां, शहीद सुखदेव के गांव नौघरा, उधम सिंह के गांव सुनाम, शहीद चंद्रशेखर आजाद की जन्म स्थली भाभरा, झाबुआ, मामा बालेश्वर दयाल की समाधि बामनिया, साबरमती आश्रम, सरदार पटेल के निवास, असम में शिव सागर, पश्चिम बंगाल में सिंगुर और नंदीग्राम, उत्तर दीनाजपुर, कर्नाटक के वसव कल्याण एवं बेलारी होते हुए कुंडली बॉर्डर पर पहुंची है।
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बता दें कि तीनों कृषि कानूनों की पूरी तरह से वापसी की मांग को लेकर कई राज्यों के किसान दिल्ली-एनसीआर के चारों बॉर्डर (शाहजहांपुर, टीकरी, सिंघु और गाजीपुर) पर बैठे हैं। उनका कहना है कि जब तीनों कृषि कानून रद नहीं किए जाते हैं, हम आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।
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