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आंदोलन का एक साल पूरा होने पर 29 नवंबर को संसद तक ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे किसान, बैठक के बाद ऐलान

Kisan Andolan कृषि कानूनों का विरोध कर रही संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की। संयुक्त किसान मोर्चा ने फैसला किया है कि 26 नवंबर को पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश उत्तराखंड और राजस्थान से दिल्ली के सभी मोर्चों पर भारी भीड़ जुटाएगी जाएगी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 09 Nov 2021 06:15 PM (IST)Updated: Tue, 09 Nov 2021 08:13 PM (IST)
आंदोलन का एक साल पूरा होने पर 29 नवंबर को संसद तक ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे किसान, बैठक के बाद ऐलान
संयुक्त किसान मोर्चा की बड़ी बैठक में लिए गए कई बड़े निर्णय, सरकार को घेरने का बनाया प्लान

नई दिल्ली /सोनीपत [संजय निधि]। कृषि कानूनों का विरोध कर रही संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की। मीटिंग में कई निर्णय लिए गए। संयुक्त किसान मोर्चा ने फैसला किया है कि 26 नवंबर को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान से दिल्ली के सभी मोर्चों पर भारी भीड़ जुटाएगी जाएगी। वहां बड़ी सभाएं भी होंगी।

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मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए मोर्चा के नेताओं ने कहा कि 29 नवंबर से दिल्ली में संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। ऐसे में मोर्चा ने निर्णय लिया कि 29 नवंबर से संसद सत्र के अंत तक 500 चयनित किसान ट्रैक्टर ट्रालियों में हर दिन संसद भवन जाएंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा ने फैसला किया है कि 28 नवंबर को मुंबई के आजाद मैदान में एक विशाल किसान-मजदूर महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन संयुक्त शेतकारी कामगार मोर्चा (एसएसकेएम) के बैनर तले महाराष्ट्र के 100 से अधिक संगठनों की तरफ से संयुक्त रूप से आयोजित किया जाएगा।

बता दें कि 26 नवंबर को कृषि कानून विरोधी प्रदर्शन के एक साल पूरे होने जा रहे हैं। पिछले साल 26 नवंबर को प्रदर्शनकारियों ने हरियाणा में प्रवेश किया था और अगले दिन कुंडली बार्डर पर जीटी रोड जाम कर धरने पर बैठ गए थे। वहीं गाजीपुर बार्डर पर भी राकेश टिकैट की अगुवाई में आंदोलनकारी धरने पर बैठे हैं।

मोर्चा और सरकार के बीच हो चुकी है कई दौर की बातचीत

धरने दे रहे किसान नेताओं की मांग है कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों नए कृषि कानून को रद किया जाए। इसको लेकर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन सभी पक्षों में सहमति नही बन पाने के कारण हर बार बातचीत असफल रही। मोर्चा के नेताओं का कहना है कि सरकार उनकी मांगे नही मान रही है इसलिए अब प्रदर्शन को और तेज किया जाएगा। इसके लिए बार्डरों पर प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

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