भारत-दक्षिण कोरिया के साझा विजन से दुनिया में मेक इन इंडिया की गूंज
नोएडा में सैमसंग के साथ मिलकर जो 50 फीसद कंपनियां कंपोनेंट तैयार कर दे रही हैं, उन्होंने भी पांच हजार लोगों को रोजगार दे रखा है।
नोएडा (कुंदन तिवारी)। सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। तकनीकी के क्षेत्र में लगातार दक्षिण कोरिया दुनिया के लिए चुनौती बनता जा रहा है। ऐसे में भारत-दक्षिण कोरिया के साझा विजन ने वैश्विक बाजार में आर्थिक मजबूती के लिए कदम बढ़ाया है। इससे दोनों देशों के सामाजिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक रिश्तों को मजबूती प्रदान की जा सके।
इसी उद्देश्य के साथ नोएडा में सैमसंग इंडिया ने 35 एकड़ जमीन पर करीब पांच हजार करोड़ के निवेश के साथ मोबाइल को दुनिया में निर्यात करने के लिए सैमसंग ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ लांच किया। इसका उद्घाटन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने किया। दोनों देशों की इस पहल से देश में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 35 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं।
नई यूनिट के लॉन्च होने से सीधे तौर पर दो हजार लोगों को रोजगार मिल गया है। साथ ही नोएडा में सैमसंग के साथ मिलकर जो 50 फीसद कंपनियां कंपोनेंट तैयार कर दे रही हैं, उन्होंने भी पांच हजार लोगों को रोजगार दे रखा है। यह कंपनियां आने वाले समय में अपने बेहतर काम के जरिये हजारों लोगों को और रोजगार उपलब्ध करा सकती हैं।
सैमसंग की नई यूनिट में सात लाख मोबाइल फोन रोजाना बनाने की क्षमता होगी। इसका 30 प्रतिशत मध्य पूर्व अफ्रीका में निर्यात किया जाएगा। ऐसे में नोएडा अब मोबाइल उत्पादन का वैश्विक हब बनाने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है। बीते चार वर्षों में देश में मोबाइल फोन मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट दो से बढ़कर 120 हो चुकी है। इसमें से 50 इकाइयां नोएडा में संचालित हो रही हैं।