एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी का अपनों ने ही किया विरोध
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी ) के अध्यक्ष व कार्यकारिणी चुनाव को लेकर निर्वाचित व नामित सदस्यों की बैठक में भारी सियासी ड्रामा हुआ। शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) के नेता अपने सदस्यों पर अविश्वास करते दिखे ।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष व कार्यकारिणी चुनाव को लेकर निर्वाचित व नामित सदस्यों की बैठक में भारी सियासी ड्रामा हुआ। शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) के नेता अपने सदस्यों पर अविश्वास करते दिखे। अविश्वास भी इतना की अस्थायी सभापति के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी के नाम का शिअद बादल के सदस्यों ने विरोध कर दिया। अपनी ही पार्टी के सदस्यों के विरोध की वजह से धामी को नाम वापस लेना पड़ा।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष चुनाव में स्थिति तनावपूर्ण। रकाबगंज स्थित कमेटी के कार्यालय में पुलिस बुलानी पड़ी। pic.twitter.com/jIYdmLof0e
— SANTOSH SINGH (@santosh73sk) January 22, 2022
शनिवार को हुई बैठक
गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब परिसर स्थित डीएसजीएमसी के कार्यालय में शनिवार दोपहर सदस्यों की बैठक शुरू हुई। गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया गया और उसके बाद सदस्यों ने शपथ ली। चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) ने हरजिंदर सिंह धामी के नाम का प्रस्ताव रेखा। इस प्रस्ताव का शिअद बादल के कई सदस्यों ने विरोध शुरू कर दिया। इसे देखते हुए धामी ने इस पद की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया। लेकिन, इससे दिल्ली के सिख राजनीति में कयास लगने लगे हैं।
भाजपा पर लगा राजनीति करने का आरोप
जनरल हाउस द्वारा चुने गए निवर्तमान अध्यक्ष कुलवंत सिंह बाठ का कहना है कि इस विरोध से स्पष्ट है कि शिअद बादल की दिल्ली इकाई भाजपा के हाथों की कठपुतली बन गई है। यही कारण है कि एसजीपीसी के अध्यक्ष पर भी अब उन्हें विश्वास नहीं है। शिअद बादल के सदस्यों ने गुरदेव सिंह को अस्थायी सभापति बनाया। बावजूद इसके पार्टी को अपने सदस्यों के समर्थन को लेकर आश्वस्त नहीं दिखे।