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दक्षिणी व पूर्वी दिल्ली नगर निगम की बैठक में विपक्ष का जोरदार हंगामा, हाथापाई की नौबत

दक्षिणी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम की बैठक में आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने सोमवार को जोरदार हंगामा कर दिया।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 02:57 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 02:57 PM (IST)
दक्षिणी व पूर्वी दिल्ली नगर निगम की बैठक में विपक्ष का जोरदार हंगामा, हाथापाई की नौबत
दक्षिणी व पूर्वी दिल्ली नगर निगम की बैठक में विपक्ष का जोरदार हंगामा, हाथापाई की नौबत

नई दिल्ली [सुधीर कुमार/निहाल सिंह]। दक्षिणी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम की बैठक में आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने सोमवार को जोरदार हंगामा कर दिया। इस दौरान पूर्वी दिल्ली नगर निगम की बैठक में पक्ष-विपक्ष के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। शारीरिक दूरी का ख्याल रखे बिना ही सदस्यों ने एक-दूसरे का विरोध किया।

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हंगामा कर रहे विपक्षी पार्षद वेल में आ गए। महापौर निर्मल जैन ने विरोध जताया लेकिन आप पार्षद नहीं माने। विपक्ष के सदस्य महापौर के आसन के पास पहुंचे और एजेंडा छीनने की कोशिश की।

मिली जानकारी के अनुसार, विपक्षी सदस्य बूचड़खाना चलाने के लिए एक कंपनी को दो साल का विस्तार देने का विरोध कर रहे हैं।

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की बैठक में भी हंगामा

वहीं, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक में भी आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने हंगामा किया। नालों की सफाई पर अल्पकालिक नोटिस पर चर्चा शुरू हुई। लेकिन आप ने टैक्स वृद्धि को मुद्दा बनाया और हंगामा करना शुरू कर दिया।

हंगामा करते हुए आप पार्षद महापौर के आसन के पास पहुंचे और तख्तियां दिखाई। बता दें कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम सदन की बैठक सोमवार को शुरू हुई। अनामिका सिंह के महापौर निर्वाचित होने के बाद यह पहली बैठक है। इसमें कई प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी। 

दक्षिणी निगम ने नई कंपनी को दिया है ठेका

दिल्ली में 126 टोल नाकों से प्रवेश पर व्यावसायिक वाहनों से टोल व पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क वसूलने के लिए दक्षिणी निगम ने नई कंपनी को ठेका दे दिया है। निगम इस कंपनी से 786.66 करोड़ रुपये का प्रतिवर्ष का ठेका दिया है। यानी टोल वसूलने के एवज में यह कंपनी 786.66 करोड़ की राशि निगम को हर वर्ष देगी। इस राशि को दिल्ली के तीनों नगर निगमों में बांटा जाता है।

निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने महापौर से अग्रिम स्वीकृति लेकर इसकी टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर लिया था। हालांकि पुरानी कंपनी और निगम के बीच हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसलिए नई कंपनी सहाकार ग्लोबल को अभी कार्यादेश नहीं दिए गए हैं।

फिलहाल, एमईपी ही कंपनी टोल वसूली का कार्य कर रही है। इस कंपनी को वर्ष 2017 में टोल वसूली का कार्य 1206 करोड़ में दिया गया था। एमईपी और निगम के बीच भुगतान को लेकर मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। इस बीच निगम ने नई कंपनी को ऑनलाइन ट्रे¨डग के माध्यम नई कंपनी को इसका ठेका दे दिया। हाईकोर्ट में अब 28 जुलाई को इस मामले पर सुनवाई होनी है।


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