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प्रदूषण से जंग : खुले में जलाया कचरा तो 50 हजार रुपये जुर्माने के लिए रहें तैयार

प्रदूषण के प्रकोप से दिल्‍लीवासी को छुटकारा मिलता नहीं दिख रहा है। पीएम 2.5 और पीएम 10 की बात करें तो यह दोनों ही 260 पर हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 09:09 AM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 10:31 AM (IST)
प्रदूषण से जंग : खुले में जलाया कचरा तो 50 हजार रुपये जुर्माने के लिए रहें तैयार
प्रदूषण से जंग : खुले में जलाया कचरा तो 50 हजार रुपये जुर्माने के लिए रहें तैयार

 नई दिल्ली, प्रेट्र। दिल्ली में हवा की गुणवत्ता रविवार को भी खराब बनी हुई है। शनिवार को भी यह बेहद खराब में थी। पीएम 2.5 और पीएम 10 की बात करें तो यह दोनों ही 260 पर हैं। प्रदूषण के प्रकोप से दिल्‍लीवासी को छुटकारा मिलता नहीं दिख रहा है। प्रदूषण लगातार दिल्‍लीवासियों को परेशान कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने शनिवार को विभिन्न क्षेत्रों में प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों को बेधड़क होता पाया। खासकर कई क्षेत्रों में खुलेआम कचरा जलता पाया। ईपीसीए उद्योगों की बैठक बुलाएगा और कोयला वाली इकाइयों को प्राकृतिक गैस से संचालित किए जाने की दिशा में प्रगति का जायजा लेगा। प्राधिकरण ने कहा कि व्यापार की सुगमता के लिए सांस के साथ समझौता नहीं किया जाएगा। शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 354 रहा। अधिकारियों ने चेताया कि अगले सप्ताह कोहरा घना हो जाएगा, तब स्थिति और खराब हो सकती है।

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प्रदूषण से घुट रहा दम 
ईपीसीए के चेयरमैन भूरे लाल ने मुंडका का दौरा किया और कई जगहों पर कचरा जलता हुआ पाया। उन्होंने बताया, 'कचरे में मुख्य रूप से रबर और प्लास्टिक होते हैं, जो कैंसरजन्य हैं। मैंने औद्योगिक संघों के साथ बैठकें कीं। उन्हें स्पष्ट रूप से बता दिया कि खुले में कचरा जलाने की हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पहली बार खुले में कचरा जलाते पकड़े जाने पर 50 हजार रुपये जुर्माना देना होगा। दूसरी बार में उद्योग को बंद करा दिया जाएगा। उद्योगों ने लिखित रूप से कहा कि वे ऐसी गतिविधियों को रोकेंगे और प्रदूषण का प्रभाव कम करने के लिए पानी का छिड़काव कराएंगे।'

ईपीसीए अध्यक्ष ने उन ग्रामीणों से भी मुलाकात की जिन्होंने प्रदूषण के कारण दम घुटने और कैंसर की बीमारी होने की शिकायत की थी। लाल के साथ एमसीडी और डीडीए के अधिकारी भी मौजूद थे। टीम ने शनिवार को नांगलोई और टिकरी गांव का भी दौरा किया। टीम के सदस्य सोमवार को लाल बवाना व नरेला तथा मंगलवार को आनंद विहार का निरीक्षण करेंगे।

ईपीसीए की सदस्य सुनीता नारायण ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती अवैध उद्योग हैं, जो लगातार अपना स्थान बदलते रहते हैं। एक अन्य सदस्य अरविंद कुमार ने कहा, अगर हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 10-20 फीसद और बढ़ जाए तो दिमाग को नुकसान हो सकता है।


निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाने पर गंभीरता से विचार
ईपीसीए ने शुक्रवार को कहा था कि वह दिल्ली-एनसीआर के अति प्रदूषण वाले क्षेत्रों में उद्योगों, निर्माण कार्य और भवन व अन्य निर्माण को गिराने जैसी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अगुवाई वाली टास्क फोर्स ने 22 नवंबर को इस संबंध में ईपीसीए को सिफारिश भी की थी। टास्क फोर्स ने दिल्ली में अति प्रदूषण वाले 15 क्षेत्रों की पहचान की है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली-एनसीआर में पिछले दो महीनों से प्रदूषण की स्थिति बेहद खतरनाक बनी हुई है।

दिल्ली के अति प्रदूषित क्षेत्र
आनंद विहार, बवाना, सीआरआरआइ मथुरा रोड, डीटीयू, डॉ कर्णी सिंह शूटिंग रेंज, द्वारका सेक्टर-8, जहांगीरपुरी, मुंडका, एनएसआइटी द्वारका, नरेला, ओखला फेज-2, आरके पुरम, रोहिणी, शादीपुर व वजीरपुर।

एनसीआर के अति प्रदूषित क्षेत्र
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में फरीदाबाद का सेक्टर-16ए, गुरुग्राम का विकास सदन, गाजियाबाद का वसुंधरा, ग्रेटर नोएडा का ज्ञान पार्क -3, नोएडा का सेक्टर-125 और भिवाड़ी का आरआइआइसीओ औद्योगिक क्षेत्र-3 अति प्रदूषित पाए गए। 


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