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Lockdown News 2021: लॉकडाउन के चलते दिल्ली के बाजारों को 30,000 करोड़ रुपये का नुकसान

Lockdown News 2021 तीन सप्ताह से दुकानें और बाजार बंद हैं जबकि परिवार की आवश्यकताओं के साथ कर्मचारियों के वेतन दिए जा रहे हैं। बिजली व पानी का बिल संपत्ति कर ऋण भुगतान व ऋणों पर ब्याज आदि के रूप में धन का खर्च लगातार जारी है।

By Jp YadavEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 07:43 AM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 10:05 AM (IST)
Lockdown News 2021: लॉकडाउन के चलते दिल्ली के बाजारों को 30,000 करोड़ रुपये का नुकसान
Lockdown News 2021: लॉकडाउन के चलते दिल्ली के बाजारों को 30,000 करोड़ रुपये का नुकसान

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। लॉकडाउन बढ़ने दिल्ली के लोगों के साथ कारोबारियों ने भी राहत की सांस ली है। दिल्ली में पिछले तकरीबन एक महीने से जारी लॉकडाउन के चलते बाजार को 30,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। यह जानकारी देते हुए कैट कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा है कि दूसरे लॉकडाउन से दिल्ली के बाजारों को 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। कैट के प्रदेश महामंत्री देवराज बवेजा, आशीष ग्रोवर व सतेंद्र वधवा ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि तीन सप्ताह से दुकानें और बाजार बंद हैं, जबकि परिवार की आवश्यकताओं के साथ कर्मचारियों के वेतन दिए जा रहे हैं। बिजली व पानी का बिल, संपत्ति कर, ऋण भुगतान व ऋणों पर ब्याज आदि के रूप में धन का खर्च लगातार जारी है।

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वहीं, कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार की ओर से लॉकडाउन को एक सप्ताह और बढ़ाने के फैसले का दिल्ली के व्यापारियों ने स्वागत किया है। इसके साथ ही सरकार से वित्तीय समेत अन्य राहत की मांग तेज कर दी है। उनकी मांग है कि उन्हें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व आयकर के अनुपालन के साथ मौजूदा ऋण के भुगतान में कुछ माह की राहत मिले। किसानों, श्रमिकों व आटो चालकों की तरह वित्तीय मदद मिले, जिससे वे अपने यहां काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन का भुगतान कर सकें। इसी तरह बिजली के फिक्स चार्ज समेत अन्य प्रकार के लाइसेंसों में भी रियायत मिलनी चाहिए।

दिल्ली में लॉकडाउन लगने को एक माह होने वाले हैं। एक सप्ताह से शुरू हुआ यह सिलसिला अब तक जारी है। इससे व्यापारियों की कारोबार तथा खुद की आर्थिक स्थिति को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। वे सरकार से राहत की मांग को लेकर मुखर होने लगे हैं। नौ मई को वाल सिटी मोर्चा के तले हुई वर्चुअल बैठक में पुरानी दिल्ली के 20 से अधिक थोक व खुदरा बाजार संगठनों ने यह मांग जोरदार तरीके से उठाई थी। अब यहीं मांग कनाट प्लेस, खान मार्केट, साउथ एक्स व सरोजनी नगर समेत अन्य बाजारों के संगठनों ने उठाई है। 13 बाजारों के संगठनों ने वर्चुअल मी¨टग की और उसमें कहा कि सरकार को उनके लिए कुछ ठोस उपाय करना चाहिए।

व्यापारियों के मुताबिक 14 माह से दिल्ली के व्यापारियों का कारोबार आधा रह गया है। पिछले वर्ष बचत था तो ज्यादा मुश्किलें नहीं आई, लेकिन इस वर्ष वह भी नहीं है। इस कारण वह दुकान की पूंजी से घर चला रहे हैं। बाजार जब खुलेगा तो उन्हें काफी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए सरकार को तत्काल कुछ ठोस उपाय करने की जरूरत है।

कनॉट प्लेस के कारोबारी संगठन नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन (एनडीटीए) के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने दो टूक कहा कि राजस्व व रोजगार देने के मामले में व्यापारी वर्ग आगे है। वह सरकार व देश के साथ हर वक्त खड़ा रहता है। समय पर टैक्स भरता है, ताकि देश का विकास हो। इस कोरोना काल में भी खुद से बाजार बंद करने को सबसे पहले आगे आया, लेकिन आज जब हमारी जरूरत है तब कोई नहीं है। निराशा व हताशा की बात यह है कि व्यापार करने वाला और टैक्स देने वाला व्यापारी ऑक्सीजन और बेड के लिए मारामारा फिर रहा है। उसमें भी अब तक सरकार ने एक बार भी बैठककर यह नहीं पूछा कि हम लोग कैसे हैं।

व्यवस्थित तरीके से खुलें बाजार, हटे अतिक्रमण

अतुल भार्गव ने कहा कि व्यवस्थित तरीके से बाजारों और कार्यालयों को खोला जाना चाहिए। कार्यालय और बाजारों का समय अलग-अलग हो सकता है। बाजार में काम अमूमन शाम को ही होता है। इसके साथ ही उन्होंने कनाट प्लेस से रेहड़ी-पटरी वालों का अतिक्रमण हटाने की मांग की है, जिससे कोरोना संक्रमण का कम से कम प्रसार हो। इसी तरह बाजारों को कम से कम छह माह तक नियमित तौर पर सैनिटाइज किया जाना चाहिए।


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