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Delhi News: मानहानि के मामले में भाजपा नेता को समन जारी, आम आदमी पार्टी के खिलाफ किया ये ट्वीट

पंकज गुप्ता की शिकायत के अनुसार भाजपा नेता ने जानबूझ कर आम आदमी पार्टी की छवि को खराब करने के लिए अपने वैरीफाइड ट्विटर अकाउंट से आम आदमी पार्टी की गुंडागर्दी से महिला असुरक्षित यह ट्वीट किया था।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 07:47 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 07:47 PM (IST)
Delhi News: मानहानि के मामले में भाजपा नेता को समन जारी, आम आदमी पार्टी के खिलाफ किया ये ट्वीट
टवीट से आदमी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राउज एवेन्यू कोर्ट ने मानहानि के एक मामले में भाजपा नेता विजेन्द्र गुप्ता को ट्रायल का सामना करने के लिए समन किया है। कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ किए गए कथित ट्वीट को लेकर आप नेता पंकज गुप्ता की शिकायत पर समन जारी किया है। गुप्ता पर आरोप है कि उन्होने दिसंबर 2021 में ट्वीट किया था जिससे आम आदमी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा।

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कोर्ट ने गुप्ता को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 के आरोप में ट्रायल का सामना करने के लिए समन भेजा है। राउज एवेन्यू स्थित अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी वैभव मेहता (एसीएमएम) की अदालत ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पंकज गुप्ता की शिकायत पर भाजपा नेता विजेन्द्र गुप्ता को समन किया है।

पंकज गुप्ता की शिकायत के अनुसार भाजपा नेता ने जानबूझ कर आम आदमी पार्टी की छवि को खराब करने के लिए अपने वैरीफाइड ट्विटर अकाउंट से ''''आम आदमी पार्टी की गुंडागर्दी से महिला असुरक्षित'''' यह ट्वीट किया था। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की दलील से सहमत होते हुए माना कि प्रथम दृष्टया किया गया ट्वीट मानहानि कारक है इसलिए प्रतिवादी को ट्रायल का सामना करने के लिए समन जारी किया जाता है। 

दरअसल, इससे पहले सरकार और परिवहन मंत्री को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने गुप्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजय वर्मन और अधिवक्ता सत्य रंजन साईं की दलीलों को सुनने के बाद यह आदेश दिया है। गुप्ता ने निचली अदालत द्वारा मानहानि के मामले में बतौर आरोपी समन जारी किए जाने के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है।

गुप्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता बर्मन ने न्यायालय को बताया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ मानहानि का आरोप नहीं बनता है। उन्होंने कहा कि मामले में उनके मुवक्किल के खिलाफ जो शिकायत दाखिल की गई है, उसमें तथ्यों को छुपाया गया है। इस मामले में समन जारी किया जाना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है, क्योंकि शिकायतकर्ता ने अदालत में पूरे तथ्य नहीं रखे हैं।


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