PM मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में शशि थरूर के खिलाफ जमानती वारंट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को जमानती वारंट जारी किया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर (Senior congress Leader Shashi Tharoor) के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के नेता राजीव बब्बर (Rajeev Babbar) की शिकायत पर चल रही कोर्ट कार्रवाई के दौरान मंगलवार को यह जमानती वारंट जारी किया गया है।
थरूर इस मामले में सोमवार को अदालत में पेश नहीं हुए तो अदालत ने अब 27 नवंबर के लिए जमानती वारंट जारी कर दिया है। साथ ही पांच हजार रुपये की गारंटी भी मांगी है। इसके अलावा इस मामले में शिकायतकर्ता दिल्ली भाजपा के नेता राजीव बब्बर पर भी 500 रुपये जुर्माना लगाया है, क्योंकि बब्बर भी अदालत में पेश नहीं हुए थे। थरूर के खिलाफ बब्बर ने अदालत में शिकायत दायर की थी। इसमें आरोप लगाया था कि थरूर ने एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।
बता दें कि पिछले साल शशि थरूर ने पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद नाराज भाजपा नेता राजीव बब्बर ने शशि थरूर के खिलाफ दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर कर कार्रवाई की मांग की थी। बता दें कि शशि थरूर ने यह विवादित टिप्पणी पिछले साल बेंगलुरु लिटरेचर फेस्टवल के दौरान की थी। इसको लेकर देशभर में काफी हल्ला मचा था।
यह है पूरा मामला
गौरतलब है कि गलतबयानबाजी और आपत्तिजनक बयानों के लिए मशहूर शशि थरूर ने ठीक एक साल पहले अक्टूबर महीने में बेंगलुरू में पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए मर्यादा की सारी हदें पार कर ली थीं। शशि थरूर ने कहा था- ' प्रधानमंत्री उस बिच्छू की तरह हैं, जो शिवलिंग पर बैठा है। जिसे हाथ से भी हटाया नहीं जा सकता है। और चप्पल से भी नहीं मारा जा सकता है।' शशि थरूर के इस बयान की काफी आलोचना भी हुई थी।
दरअसल, कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने अपनी किताब 'द पैराडाक्सिकल प्राइम मिनिस्टर : नरेंद्र मोदी एंड हिज इंडिया' के दौरान यह आपत्तिजनक बयान दिया था।
शशि थरूर ने तब कहा था कि वह एक सफल प्रधानमंत्री हो सकते थे, अगर उन्होंने आर्थिक विकास पर असलियत में ध्यान दिया होता।
यहां पर बता दें कि शशि थरूर अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत मामले में अदालती कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। उन पर दिल्ली की कोर्ट में मुकदमा चल रहा है।
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