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Sagar Murder case: कोर्ट ने पहलवान अनिरुद्ध दहिया को अंतरिम जमानत देने से किया इंकार

Sagar Dhankar murder case रोहिणी कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाजी आनंद की अदालत ने मंगलवार को आरोपित पहलवान अनिरुद्ध की जमानत की अर्जी खारिज करते कहा कि वह और मामले में पीड़ित एक ही बिरादरी से हैं और दुश्मनी के कारण उसे जान पर खतरे की आशंका है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 09:36 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 09:36 PM (IST)
Sagar Murder case: कोर्ट ने पहलवान अनिरुद्ध दहिया को अंतरिम जमानत देने से किया इंकार
आरोपित पहलवान को नहीं मिली जमानत file photo

नई दिल्ली [संजय सलिल]। अदालत ने माडल टाउन के छत्रसाल स्टेडियम में चार मई की देर रात हुई पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में आरोपितों में एक अनिरुद्ध दहिया को अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया। रोहिणी कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाजी आनंद की अदालत ने मंगलवार को आरोपित पहलवान अनिरुद्ध की जमानत की अर्जी खारिज करते कहा कि वह और मामले में पीड़ित एक ही बिरादरी से हैं और दुश्मनी के कारण उसे जान पर खतरे की आशंका है।

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मामले में आरोपित का एक बड़ा समूह शामिल है और सभी आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र भी दायर नहीं किया गया है। अपराध की प्रकृति और गंभीरता को देखते हुए आवेदक अंतरिम जमानत पाने के लायक नहीं है। सनद रहे कि इस मामले में ओलिंपियन पहलवान सुशील कुमार मुख्य आरोपित है। जो तिहाड़ जेल में बंद है।

सुनवाई के दौरान दहिया के वकील हिमांशु राणा ने कहा कि उनके मुवक्किल को बैचलर आफ फिजिकल एजुकेशन (बीपीइड) के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा के लिए शारीरिक रूप से उपस्थित होना है। जिसके लिए उसे 13 दिन की अंतरिम जमानत की जरूरत है। उनके मुवक्किल केवल आफलाइन मोड में परीक्षा दे सकता है क्योंकि आनलाइन मोड के माध्यम से परीक्षा देने के विकल्प के लिए आवेदन करने की तिथि बीत चुकी है।

उन्होंने दावा किया कि वह पहले तकनीकी पेचीदगियों और प्रशासनिक खामियों के कारण जेल से पहले और तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा नहीं दे सके। ऐसे में आवेदक के भविष्य को देखते हुए उसे परीक्षा में शामिल होेने के लिए जमानत दी जानी चाहिए। जबकि जमानत की अर्जी का विरोध करते हुए लोक अभियोजक ने दलीलें दी कि आरोपित को आनलाइन परीक्षा में उपस्थित होने के लिए समय पर आवेदन करना चाहिए था।

इसके लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 24 सितंबर थी। जबकि मामले के एक पीड़ित सोनू के वकील नितिन वशिष्ठ ने अर्जी का विरोध किया और कहा कि अगर वह इतना अच्छा छात्र होता तो उसे अपराध नहीं करना चाहिए था। इस महीने यह दूसरी बार था, जब आरोपित ने परीक्षा के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी। अदालत ने अंतरिम जमानत की अर्जी को खारिज कर कर उसे जेल से आनलाइन परीक्षा देने की अनुमति दी थी। ऐसे में इस बार भी उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए।


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