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Rohini Court Blast: सीसीटीवी में संदिग्ध गतिविधि से जल्द मिल गया था सुराग, पुलिस ने ऐसे किया खुलासा

राकेश अस्थाना के मुताबिक भारत भूषण के खिलाफ कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं जिनकी मदद से उसको सजा दिलवाना आसान होगा। पुलिस टीम ने इस मामले में नौ दिन की कड़ी मशक्कत के बाद बेहतरीन जांच करते हुए आरोपित को गिरफ्तार किया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 19 Dec 2021 06:45 AM (IST)Updated: Sun, 19 Dec 2021 07:04 AM (IST)
Rohini Court Blast: सीसीटीवी में संदिग्ध गतिविधि से जल्द मिल गया था सुराग, पुलिस ने ऐसे किया खुलासा
सीसीटीवी में संदिग्ध गतिविधि से जल्द मिल गया था सुराग

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। रोहिणी कोर्ट में हुए ब्लास्ट के बाद स्पेशल सेल ने जब जांच शुरू की तब बम में इस्तेमाल कम्पोनेंट को देखकर पहले लगा कि यह आतंकी संगठन का काम हो सकता है। क्योंकि इस तरह के बम का इस्तेमाल केवल आतंकी संगठन ही करते आया है। जांच के सिसलिसे में पहले कोर्ट परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को खंगाला गया।

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इस दौरान देखा गया कि नौ दिसंबर की सुबह 9.36 बजे एक शख्स दो बैग लटकाए हुए गेट नंबर 7 से अंदर दाखिल होता है। वह वकील की ड्रेस पहने हुए था। अंदर जाने के बाद वह अमूल आउटलेट के बाहर दोनों बैग को रख देता है और वापस गेट नंबर 7 से बाहर निकल जाता है। इसके बाद गेट नंबर 8 से वह दोबारा अंदर दाखिल होता है और अमूल आउटलेट के पास आकर दोनों बैग उठा लेता है। उक्त दोनों बैग लेकर वह कोर्ट नंबर 102 में जाता है जहां पर एक मामले की सुनवाई में वकील अमित वशिष्ठ को पेश होना था।

उस समय 27 नंबर मामले की सुनवाई चल रही थी जबकि उसके मामले का नंबर 43वां था। वह चुपचाप उस जगह जाता है जहां वकील अमित वशिष्ठ कोने में कुर्सी पर बैठे थे। वह उनकी कुर्सी के ठीक पीछे उस बैग को रख देता है जिसमें टिफिन बम रखा हुआ था। बम प्लांट करने के बाद वह कोर्ट से बाहर निकल जाता है और कमरे के बाहर से रिमोर्ट से ब्लास्ट कर देता है।

गनीमत थी कि ब्लास्ट से चंद मिनट पहले अमित कुर्सी से उठकर किसी काम से दूर चले गए थे। ब्लास्ट के बाद सुबह 10.35 बजे भारत कोर्ट से बाहर निकल जाता है। उस समय उसके पास केवल एक बैग था। राकेश अस्थाना ने बताया कि इस मामले की छानबीन के दौरान यह देखा गया कि जिस बैग में ब्लास्ट किया गया, उसपर एक खास तरह का लोगो लगा हुआ था। इस कंपनी के मैनेजर से जब बातचीत की गई तो पता चला कि 2006 के बाद उन्होंने दिल्ली में अपनी कंपनी के बैग की सप्लाई बंद कर दी थी। लेकिन कुछ लोगों को यह बैग मिल रहा था।

बैग के बारे में छानबीन से पुलिस को कई महत्वपूर्ण सुराग मिले। इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज में पुलिस ने देखा कि जब वह अदालत परिसर में दाखिल हुआ तो उसके पास दो बैग थे लेकिन जब वह बाहर निकला तो उसके पास केवल एक ही बैग था। इसके अलावा पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस के जरिए उस समय अदालत में मौजूद लोगों के मोबाइल नंबरों को भी खंगाला। इन सब कड़ियों को जोड़ते हुए पता लग गया कि ब्लास्ट को अशोक विहार निवासी वरिष्ठ विज्ञानी भारत भूषण कटारिया ने अंजाम दिया है।

इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसके घर से वे स्क्रू मिले जो मौके से बरामद हुए थे। इसके अलावा बम तैयार करने में इस्तेमाल किया गया कुछ सामान भी उनके घर से बरामद हुआ है। साथ ही अदालत में प्रवेश के दौरान भारत द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली पोशाक काला कोट, लैपटाप व मोबाइल सहित आपत्तिजनक दस्तावेज व अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण जब्त किए गए हैं। अमित व भारत तीन साल से अशोक विहार वाले घर में एक ही बिल्डिंग में रह रहे थे लेकिन इनके बीच 10 साल से अधिक समय से विवाद चल रहा है। दोनों एक दूसरे के खिलाफ 12 दीवानी मुकदमे दायर कर चुके हैं।

सीपी राकेश अस्थाना के मुताबिक भारत भूषण के खिलाफ कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं जिनकी मदद से उसको सजा दिलवाना आसान होगा। पुलिस टीम ने इस मामले में नौ दिन की कड़ी मशक्कत के बाद बेहतरीन जांच करते हुए आरोपित को गिरफ्तार किया है। तबतक की जांच में इस ब्लास्ट मामले में किसी अन्य की भूमिका नहीं मिली है।


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