कालिंदी कुंज में अपराध की वजह भी हैं सिंचाई विभाग की जमीन पर कब्जा कर बैठे रोहिंग्या
आग लगने की घटना के बाद दर्द में डूबे रोहिंग्या को सिंचाई विभाग की जमीन पर शरण दी गई थी लेकिन अब वही रोहिंग्या जमीन पर कब्जा करके बैठ गए हैं। यही नहीं ये रोहिंग्या चोरी डकैती महिलाओं से अभद्रता कर स्थानीय लोगों को भी जख्म दे रहे हैं।
दक्षिणी दिल्ली, [अरविंद कुमार द्विवेदी]। आग लगने की घटना के बाद दर्द में डूबे रोहिंग्या को सिंचाई विभाग की जमीन पर शरण दी गई थी, लेकिन अब वही रोहिंग्या जमीन पर कब्जा करके बैठ गए हैं। यही नहीं ये रोहिंग्या चोरी, डकैती, महिलाओं से अभद्रता कर स्थानीय लोगों को भी जख्म दे रहे हैं। ऐसे में रोहिंग्या के खिलाफ स्थानीय स्तर पर भी गुस्सा फूट रहा है।
इधर सिंचाई विभाग ने भी मदनपुर खादर इलाके में स्थित कालिंदी कुंज में अपनी जमीन खाली कराने के लिए कमर कस ली है, बस पुलिस बल मिलने का इंतजार किया जा रहा है। यूपी सिंचाई विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की खसरा नंबर 612 की करीब आधा एकड़ जमीन पर रोहिंग्या कब्जा किए हुए हैं।
यहां पर कपड़े, पालीथिन आदि के पहले 36 टेंट थे, जिसमें करीब 150 रोहिंग्या रहते थे। टेंट की अब जहां करीब 50 हो गई है, वहीं रोहिंग्या की संख्या भी बढ़ रही है। इस जमीन को खाली कराने के लिए शासन से आदेश हो गए हैं। बस दिल्ली पुलिस की ओर से फोर्स मिलने का इंतजार है।
अधिकारी ने बताया कि रोहिंग्या पहले इस जमीन के बगल में स्थित जकात फाउंडेशन की जमीन पर झुग्गी डाले हुए थे। 18 अप्रैल 2018 को उसमें आग लग गई। इस पर दिल्ली पुलिस-प्रशासन ने इन लोगों को मानवीय आधार पर सिंचाई विभाग की जमीन पर शिफ्ट कर दिया था। उस समय जल्द ही जमीन खाली किए जाने का आश्वासन दिया गया था।
इसके बाद जब भी यूपी सरकार ने इस जमीन को खाली कराने के लिए कदम बढ़ाया, विरोध होने लगा। आरोप है कि ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान यहां पर बिजली, पानी, शौचालय व खाने की व्यवस्था करते हैं। वहीं, अमानतुल्लाह खान का कहना है कि वह रोहिंग्या कैंप में पानी के टैंकर भिजवाते हैं। राशन आदि विभिन्न एनजीओ की ओर से दिया जा रहा है। कैंप अभी जहां है वहीं रहेगा, उसे कोई नहीं हटा सकता है। कालिंदी कुंज में अपराध की वजह भी बन रहे रोहिंग्या कालिंदी कुंज के लोगों ने बताया कि रोहिंग्या कई आपराधिक वारदातों में शामिल रहते हैं। आए दिन यहां पुलिस के छापे पड़ते हैं। कई रोहिंग्या नशे के कारोबार, चोरी, डकैती तक के मामलों में शामिल रहे हैं। यही नहीं इस क्षेत्र से युवतियों का निकलना मुश्किल है, उन पर ये लोग न सिर्फ अभद्र टिप्पणी करते हैं, बल्कि छेड़छाड़ भी करते हैं।