Move to Jagran APP

आरएमएल अस्पताल प्रशासन ने हड़ताली डाक्टरों को चेताया

आरएमएल अस्पताल प्रशासन का कहना है कि तदर्थ आधार पर नियुक्त सभी रेजिडेंट डाक्टरों (जूनियर और सीनियर रेजिडेंट) को सूचित किया जाता है कि वे स्वयं को शामिल नहीं कर सकते और न ही किसी हड़ताल गतिविधि में भाग ले सकते हैं।

By Jp YadavEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 12:07 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 12:07 PM (IST)
आरएमएल अस्पताल प्रशासन ने हड़ताली डाक्टरों को चेताया
आरएमएल अस्पताल प्रशासन ने हड़ताली डाक्टरों को चेताया

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। नीट काउंसिलंग में देरी की वजह से रेजिडेंट डाक्टरों ने रूटीन और इमरजेंसी सेवा दोनों के बहिष्कार का ऐलान किया है, इसका असर दिल्ली-एनसीआर में भी देखा जा रहा है। दिल्ली में सफदरजंग, आरएमएल, लेडी हार्डिंग और जीटीबी अस्तपाल में रूटीन और इमरजेंसी सेवा दोनों सेवाएं प्रभावित हैं।  इस बीच दिल्ली स्थित आरएमएल अस्पताल प्रशासन का कहना है कि  तदर्थ आधार पर नियुक्त सभी रेजिडेंट डाक्टरों (जूनियर और सीनियर रेजिडेंट) को सूचित किया जाता है कि वे स्वयं को शामिल नहीं कर सकते और न ही किसी हड़ताल गतिविधि में भाग ले सकते हैं। नियमों का पालन न करने पर बर्खास्तगी सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। इससे पहले दिल्ली सहित पूरे देश में चार दिन से हड़ताल कर रहे डाक्टरों ने सोमवार को आपातकालीन सेवाओं में भी काम नहीं किया। इससे वरिष्ठ डाक्टरों ने आपातकालीन सेवाएं दीं, लेकिन बहुत कम ही मरीजों को देखा। इसके चलते सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों के स्वजन को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काटने पड़े। इसके चलते बड़ी संख्या में मरीजों को बिना इलाज कराए ही लौटना पड़ा। उधर, राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल सहित कई अस्पतालों में डाक्टरों ने प्रथम वर्ष के मेडिकल छात्रों की काउंसलिंग को जल्द से जल्द कराने की मांग को लेकर पैदल मार्च भी निकाला।

loksabha election banner

दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में सुबह से ही मरीजों का आना शुरू हो गया, लेकिन अस्पतालों में उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया गया। त्रिलोकपुरी से पत्नी को इमरजेंसी में भर्ती कराने के लिए लेकर पहुंचे प्रबल कुमार ने बताया कि वह सुबह सफदरजंग अस्पताल गए थे। वहां से आरएमएल जाने की सलाह दी गई, आरएमएल पहुंचे तो यहां भी हड़ताल के चलते इलाज नहीं मिल सका। उनकी पत्नी रात से एक निश्चित समय के बाद बेहोश हो जा रही हैं, जिसके कारण वे परेशान हैं।

तीमारदारों ने बताया कि नया कार्ड नहीं बनाया जा रहा है। इससे इमरजेंसी में भी भर्ती नहीं किया जा रहा है। उधर, इमरजेंसी सेवा ठप करने वाले रेजिडेंट डाक्टरों का कहना है कि केंद्र सरकार नीट-पीजी प्रथम वर्ष के छात्रों की काउंसलिंग नहीं करा रही है। इससे उनके दाखिले में देरी हो रही है और अस्पतालों में नए मेडिकल छात्र नहीं आ पा रहे हैं। इससे रेजिडेंट डाक्टरों को 36 घंटे तक लगातार ड्यूटी करने को कहा जा रहा है।

लोकनायक से जबरन बाहर निकाले गए मरीज

हड़ताल से वैसे तो सभी अस्पतालों में मरीज बेहाल रहे, लेकिन दिल्ली के बड़े अस्पतालों में शामिल लोकनायक अस्पताल की स्थिति कुछ ज्यादा ही खराब दिखी। मरीजों को जब अन्य अस्पतालों में इलाज नहीं मिला तो बड़ी संख्या में वे यहां पहुंच गए। इसमें अधिकतर मरीजों को वापस कर दिया गया। इसके बाद बिना इलाज के ही मरीजों को सुरक्षाकर्मियों ने जबरन अस्पताल से बाहर निकाल दिया। इसे लेकर मरीजों और सुरक्षाकर्मियों के बीच तीखी नोकझोक भी हुई। अस्पताल प्रशासन की ओर से मरीजों को 10 तारीख को अस्पताल आने के लिए कहा गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.