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किराया माफी के लिए रेस्त्रां एसोसिएशन ने माल्स व संपत्ति मालिकों को लिखा पत्र, कहा- मानवता के आधार पर कीजिए

रेस्त्रां संचालकों के संगठन नेशनल रेस्टोरेंट एसाेसिएशन आफ इंडिया (एनआरएआइ) ने पत्र लिखकर देशभर के माल्स व संपत्ति मालिकों से मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए कम से कम छह माह के लिए किराया माफी का आग्रह किया है। उसने कहा कि इसकी जगह राजस्व में बंटवारा ज्यादा हितकर रहेगा।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 20 May 2021 08:15 AM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 09:39 AM (IST)
किराया माफी के लिए रेस्त्रां एसोसिएशन ने माल्स व संपत्ति मालिकों को लिखा पत्र, कहा- मानवता के आधार पर कीजिए
लाकडाउन से कारोबार ठप, इसलिए मानवता के आधार पर रियायत बरतें संपत्ति मालिक

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। कोरोना महामारी के चलते दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों में लाकडाउन लगा हुआ है। इससे एक माह से अधिक समय से अधिकतर रेस्त्रां आउटलेट्स बंद चल रहे हैं। वैसे, कुछ राज्यों में पैकेटबंद खाना बेचने की अनुमति है, लेकिन यह रेस्त्रां संचालकों के लिए ज्यादा मददगार साबित नहीं हो रहा है। क्योंकि अधिकतर का मुख्य कारोबार शाम को ग्राहकों के बैठाकर खाने-पीने से ही होता है। अब रेस्त्रां संचालकों का कारोबार नहीं हो रहा है तो उनके सामने आर्थिक संकट गहरा गया है। कर्मचारियों के वेतन के साथ किराया बड़ा सवाल है। बता दें कि 90 फीसद रेस्त्रां व बार किराए की जगह पर चल रहे हैं। एक रेस्त्रां व बार का किराया 50 हजार रुपये से लेकर तीन लाख रुपये महीने का है।

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किराया माफी का आग्रह

इस संबंध में रेस्त्रां संचालकों के संगठन नेशनल रेस्टोरेंट एसाेसिएशन आफ इंडिया (एनआरएआइ) ने पत्र लिखकर देशभर के माल्स व संपत्ति मालिकों से मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए कम से कम छह माह के लिए किराया माफी का आग्रह किया है। उसने कहा कि इसकी जगह राजस्व में बंटवारा ज्यादा हितकर रहेगा। इससे रेस्त्रां संचालकों पर ज्यादा आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। दिल्ली समेत देश के माल्स में रेस्त्रां के साथ बार भी मौजूद है। जिनका राजस्व नहीं के बराबर हो गया है। अकेले एनआरएआइ के पांच लाख के करीब सदस्य है।

एनआरएआइ के अध्यक्ष अनुराग कटियार ने कहा कि पिछले लाकडाउन में काफी संपत्ति मालिकों ने रेस्त्रां संचालकों के आर्थिक दिक्कतों को समझा था तथा राहत दी थी। हमें आशा है कि कोरोना की मौजूदा लहर जो कि पिछली बार से ज्यादा घातक है। इसमें काफी संख्या में जानमाल की हानि हुई है। इसमें भी वे मदद के लिए आगे आएंगे। बता दें कि पिछले साल भी लाकडाउन के दौरान कई माह तक कारोबार बंद रहने से रेस्त्रां उद्योग को आर्थिक दिक्कतोंं का सामना करना पड़ा था। तब आपसी सहमति से कई संपत्ति मालिकों ने 50 से 70 फीसद तक किराया माफ कर दिया था।

सरकार भी राहत देने के लिए आगे आएं: डीआरए

दिल्ली रेस्टोरेंट एसोसिएशन (डीआरए) ने इस मामले में सरकारों से राहत की मांग की है। डीआरए के अध्यक्ष दिनेश अरोड़ा ने कहा कि संपत्ति किराया के साथ ही बिजली-पानी का बिल व कर्मचारियों का वेतन है। कई तरह के लाइसेंस शुल्क हैं। वस्तु एवं सेवा कर तथा वैट शुल्क है। इसमें सरकार को राहत देनी चाहिए, क्योंकि रेस्त्रां उद्योग सबसे अधिक संकट में है। पिछले वर्ष भी सरकार द्वारा कोई राहत नहीं दी गई थी। इस कारण 15 से 20 फीसद रेस्त्रां संचालक इस पेशे से बाहर हो गए।


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