Renewable Energy Sector: 2030 तक देश में 10 लाख लोगों को रोजगार देगा अक्षय ऊर्जा क्षेत्र
Renewable Energy Sector भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 2030 तक लगभग 10 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है जो अभी इस क्षेत्र में रोजगार पाने वाले 1.1 लाख कार्यबल का दस गुना होगा। यह बात अध्ययन में सामने आई है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 2030 तक लगभग 10 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है, जो अभी इस क्षेत्र में रोजगार पाने वाले 1.1 लाख कार्यबल का दस गुना होगा। यह बात काउंसिल आन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू), नेचुरल रिसोर्सेज डिफेंस काउंसिल (एनआरडीसी) और स्किल काउंसिल फार ग्रीन जॉब्स (एससीजीजे) के एक संयुक्त अध्ययन 'इंडियाज एक्सपेंडिंग क्लीन एनर्जी वर्कफोर्स' में सामने आई है। इस अध्ययन के अनुसार, सोलर पार्क जैसी बड़ी परियोजनाओ की तुलना में ज्यादातर नई नौकरियां रूफटाप सोलर और मिनी व माइक्रो-ग्रिड सिस्टम जैसी छोटी अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं पैदा करेंगी।
सीईईडब्ल्यू-एनआरडीसी-एससीजीजे के इस अध्ययन ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार सृजन पर महामारी के प्रतिकूल प्रभावों को भी रेखांकित किया है। इस क्षेत्र में वित्त वर्ष 2018-19 में 12,400 नए कर्मचारियों को रोजगार मिला था, जिसकी तुलना में वित्त वर्ष 2019-20 में सिर्फ 5,200 और वित्त वर्ष 2020-21 में 6,400 नए कर्मचारियों को रोजगार मिला। वित्त वर्ष 2020-21 में ज्यादातर नए कर्मचारियों को रूफटाप सोलर में रोजगार मिला, जिसकी वार्षिक क्षमता वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में नौ प्रतिशत (1.4 गीगावाट) ज्यादा थी।
अध्ययन में यह भी पाया गया कि भारत ने क्लीन एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए कुशल श्रमिकों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 2015 और 2017 के बीच सूर्यमित्र प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 78,000 लोगों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है।डा अरुणभा घोष, सीईओ, सीईईडब्ल्यू का कहना है कि भारत के महत्वाकांक्षी अक्षय ऊर्जा लक्ष्य ने कम कार्बन उत्सर्जन वाली अर्थव्यवस्था में परिवर्तन के दौरान नौकरी, विकास और सतत विकास के मोर्चे पर उपलब्धियों को सामने लाने का अवसर दिया है।
इस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए आगामी केंद्रीय बजट में निश्चित तौर पर रूफटाप सोलर, मिनी और माइक्रो ग्रिड सिस्टम के साथ-साथ घरेलू सौर विनिर्माण के प्रोत्साहन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। अध्ययन में यह भी सुझाव दिया गया है कि भारत को सोलर सेल और सोलर पैनल के घरेलू विनिर्माण में सुधार करते हुए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक बड़ी भूमिका निभाने की दिशा में ध्यान देना चाहिए। सरकारों को परिवर्तनशील अक्षय ऊर्जा के उच्च स्तरों को शामिल करने के लिए ग्रिड के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने पर भी गौर करना चाहिए। यह सहायक क्षेत्र रोजगार के अतिरिक्त अवसरों को पैदा करेंगे।