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Kisan Andolan: पंजाब के किसान दिल्ली के बॉर्डर पर आने के लिए मजबूर, पढ़िये- नेताओं का फरमान

Kisan Protest at Singhu Border पंजाब के गांवों के प्रधानों ने एक फरमान जारी कर रखा है। इस फरमान के अनुसार हर परिवार का एक सदस्य महीने में कम से कम एक बार सिंघु बॉर्डर पर जरूर आएगा और दस दिन यहीं पर रहेगा।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 01 Apr 2021 08:15 AM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 07:50 AM (IST)
Kisan Andolan: पंजाब के किसान दिल्ली के बॉर्डर पर आने के लिए मजबूर, पढ़िये- नेताओं का फरमान
सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों की संख्या में इजाफा हुआ है।

नई दिल्ली [सोनू राणा]।  4 महीने से भी अधिक समय से दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर तीनों कृषि कानूनों के विरोध में धरना प्रदर्शन जारी है। इस बीच सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली की सीमा में अब कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों की संख्या में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है। सिंघु बॉर्डर-नरेला रोड पर ट्रैक्टरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। यहां पर प्रदर्शनकारियों की संख्या में इजाफा होने के पीछे नया ट्ववीस्ट आ गया है। दरअसल, कुछ लोग यहां पर होला मोहल्ला मनाने आएं हैं तो कुछ कथित तौर पर ड्यूटी करने। वहीं, पंजाब के कुछ किसान जर्माने के डर से भी आ रहे हैं। इसके चलते यहां पर प्रदर्शनकारियों की संख्या में इजाफा हुआ है।

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जुर्माने के डर से किसान आते हैं यहां

बता दें कि पंजाब के गांवों के प्रधानों ने एक फरमान जारी कर रखा है। इस फरमान के अनुसार, हर परिवार का एक सदस्य महीने में कम से कम एक बार सिंघु बॉर्डर पर जरूर आएगा और दस दिन यहीं पर रहेगा। ऐसा न करने पर परिवार पर जुर्माना लगाया जाएगा। इस बाबत कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। ऐसे में जो लोग यहां नहीं आना चाहते, उन्हें भी मजबूरन आना पड़ता है, क्योंकि यहां नहीं आए तो जुर्माने के रूप में जेब ढीली करनी पड़ेगी।

लगातार लग रहे हैं विदेशी फंडिंग के आरोप

ऐसा कहा जा रहा है कि विदेशी फंडिंग से यहां पर प्रदर्शनकारियों को सुविधा दी जा रही हैं। इसलिए न तो उनके आने-जाने का कोई खर्च आता है और न ही खाने-पीने का। 10 से 15 दिन एक क्षेत्र के लोग सिंघु बॉर्डर पर रहते हैं और अगले 15 दिन अलग क्षेत्र के लोग।

युवाओं ने काटी कन्नी

सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली की सीमा में सभी प्रदर्शनकारी पंजाब के हैं। यहां पर न तो कोई प्रदर्शनकारी हरियाणा का है और न राजस्थान या यूपी का। इनमें भी बुजुर्ग ही हैं, युवाओं ने तो इनसे कन्नी काट रखी है। 26 जनवरी को लाल किले पर किए गए उपद्रव के बाद नेताओं ने उन्हें गद्दार कहा था। तब से लेकर अब तक यहां युवा नहीं आ रहे हैं।

वहीं, खबर आ रही है कि चार अप्रैल को हरियाणा के जींद में प्रस्तावित दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रैली हरियाणा संयुक्त मोर्चा ने बहिष्कार का एलान किया है। इस बाबत एक दिन पहले ही बुधवार को टीकरी बॉर्डर पर मोर्चा के प्रभारी प्रदीप धनखड़ की अध्यक्षता में बैठक कर यह फैसला लिया है।


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