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पढ़िये- क्यों दिल्ली कांग्रेस में सबकुछ नहीं चल रहा है ठीक

जब से अनिल चौधरी ने प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाली है तभी से दिल्ली कांग्रेस में अहम का टकराव लगातार बढ़ रहा है। कई नेता इनका नेतृत्व स्वीकारने का तैयार नहीं हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 12:14 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 12:14 PM (IST)
पढ़िये- क्यों दिल्ली कांग्रेस में सबकुछ नहीं चल रहा है ठीक

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली की सियासी जंग में भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) जहां एक-दूसरे के सामने खड़ी हैं, वहीं कांग्रेस के सिपाही आपस में ही लड़- मर रहे हैं। अहम की लड़ाई में वरिष्ठ नेता सहयोगियों की अनदेखी तक करने लगे हैं। आलम यह है कि पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी अलग- अलग धड़ों में बंटते जा रहे हैं। यूं तो जब से अनिल चौधरी ने प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाली है, तभी से दिल्ली कांग्रेस में अहम का टकराव लगातार बढ़ रहा है। सांसद, मंत्री औैर कई कई बार के विधायक रहे कददावर नेता इनका नेतृत्व स्वीकारने को तैयार नहीं हैं जबकि उम्र और अनुभव में कहीं छोटे अनिल अपने रूखे व्यवहार से किसी को भी अपना बनाने में नाकाम साबित हुए हैं। इनके छह महीने के कार्यकाल में ही स्थिति यह हो गई है कि पांच उपाध्यक्ष व 14 जिलाध्यक्षों में से भी कईयों के तेवर अध्यक्ष के प्रति बगावती हो गए हैं। इसी कड़ी में नया मुददा झुग्गी बस्तियों का गर्माया हुआ है। पहले तो सुप्रीम कोर्ट में इन झुग्गियों के खिलाफ अजय माकन व अनिल दोनों ने अलग-अलग याचिका दायर की। जब कोर्ट ने झुग्गियों को उजाड़ने पर चार सप्ताह का स्टे दे दिया तो अब दोनों इसका श्रेय लेने में जुट गए हैं। विडंबना यह कि दोनों ही नेता इस स्टे का श्रेय खुद तो लेना चाहते हैं, लेकिन दूसरे के साथ बांटना नहीं चाहते। यहां तक कि अब इस श्रेय के लिए पोस्टर वार भी शुरू हो गई है।

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अजय माकन समर्थकों ने जो पोस्टर बनवाए एवं जगह-जगह लगवाए हैं उनमें केवल राहुल-सोनिया गांधी और प्रियंका वाड्रा की तस्वीर है। अनिल का कहीं नाम तक नहीं है। वहीं अनिल समर्थकों ने जो पोस्टर जिलाध्यक्षों को लगवाने के लिए भेजा है, उसमें राहुल- सोनिया गांधी, शक्ति सिंह गोहिल और सलमान खुर्शीद की तस्वीर है। अजय माकन का कहीं नाम भी नहीं है। दूसरी तरफ ज्यादातर जिलाध्यक्ष चूंकि अजय माकन के बनवाए हुए हैं, लिहाजा उनकी निष्ठा भी उन्हीं के प्रति है।

प्रदेश उपाध्यक्ष अभिषेक दत्त तक 48 हजार झुग्गियों को मिली मोहलत का श्रेय टवीट करके अजय माकन को दे चुके हैं। कहने का मतलब यह कि मौजूदा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष की खींचतान में पार्टी पदाधिकारी, नेता और कार्यकर्ता फिर बंट गए हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो अहम का टकराव ही दिल्ली में कांग्रेस के 'धूमिल' वर्तमान की वजह है एवं यही इसके 'अंधकारमय' भविष्य का सबब बनेगा।

शक्ति सिंह गोहिल (प्रभारी, दिल्ली कांग्रेस) का कहना है कि मेरे संज्ञान में यह मामला अभी आया नहीं है। फिलहाल मैं संसद सत्र और बिहार चुनाव में भी व्यस्त हूं। इस मुददे पर जल्द ही पार्टी नेताओं से बात कर टकराव खत्म किया जाएगा।

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