पढ़िए पंजाब में पीएम नरेन्द्र मोदी का काफिला रोके जाने पर क्या बोले किसान नेता राकेश टिकैत
किसानों का अपना पक्ष है। राकेश टिकैत का कहना है कि कल किसानों का हर जगह प्रदर्शन था लेकिन रास्ता रोकने का कोई कार्यक्रम नहीं था। किसान प्रधानमंत्री का काफिला रोकने के लिए नहीं बैठे थे वह बस इत्तेफाक था। वो देश के प्रधानमंत्री हैं।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। पंजाब के फिरोजपुर में पीएम नरेन्द्र मोदी का काफिला रोके जाने पर बहस-मुबाहिसों का दौर जारी है। भाजपा कुछ कह रही है तो कुछ कांग्रेस अपनी तरफ से सफाई दे रही है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अलग ही बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि किसानों का हर जगह प्रदर्शन था लेकिन रास्ता रोकने का उनका कोई कार्यक्रम नहीं था। किसान प्रधानमंत्री का काफिला रोकने के लिए नहीं बैठे थे बस वह इत्तेफाक था।
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बुधवार को पंजाब के फिरोजपुर में रैली थी। उनको इस रैली को संबोधित करना था, वो फ्लाइट से बठिंडा एयरपोर्ट पहुंचे थे, वहां से उनको हेलीकाप्टर से रैली स्थल तक जाना था मगर मौसम खराब होने की वजह से उनके काफिले को सड़क मार्ग से रैली स्थल तक पहुंचाने की योजना पर काम किया गया। जब वो हुसैनी फ्लाईओवर पर पहुंचे तो उनके काफिले को रोक दिया गया, बताया गया कि आगे किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, उन लोगों ने रास्ते को जाम कर रखा है, काफिला आगे नहीं जा सकता है। 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर रूकने के बाद उन्होंने वापस लौटने का निर्णय किया।
उनका काफिला जब वापस एयरपोर्ट पर पहुंचा उसके बाद तमाम राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी। कांग्रेस और अन्य दल तमाम तरह की बातें कहने लगे। बीजेपी इस पर कांग्रेस पर आक्रामक हो गई। पीएम की सुरक्षा में राज्य सरकार को दोषी बताया गया। गृह मंत्रालय की ओर से इस पूरे मामले में पंजाब सरकार से 24 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा गया। मालूम हो कि किसान आंदोलन में सबसे अधिक पंजाब के किसान उग्र हुए थे। किसानों ने 26 जनवरी को राजधानी में ट्रैक्टर मार्च निकालकर और लाल किले पर फहरा रहे तिरंगे झंडे के साथ दूसरा झंडा लगाकर अराजकता फैलाई थी। पूरी दुनिया में इसकी आलोचना हुई थी। अब पंजाब में पीएम का काफिला रोके जाने पर भी पंजाबियों की ही आलोचना हो रही है।