जानिए- चलती कारों में क्यों लग जाती है भीषण आग, बरतें ये सावधानियां
बेशक यह सच है कि सर्दी हो गया गर्मी का मौसम कार में आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। पुरानी ही नहीं बल्कि नई कार भी आग का गोला बन रही हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। देश की राजधानी दिल्ली में रविवार शाम को चलती कार में आग लगने से एक महिला व दो बच्चों की मौत हो गई। बेशक, यह सच है कि सर्दी हो या गर्मी का मौसम, कार में आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। पुरानी ही नहीं, बल्कि नई कार भी आग का गोला बन रही हैं। आमतौर पर शॉर्ट सर्किट की वजह से आग बताकर पल्ला झाड़ लिया जाता है, लेकिन इस घटना के लिए किसी हद तक हम खुद जिम्मेदार हैं। ऑटो एक्सपर्ट्स की मानें तो थोड़े से लालच के लिए हम अपने वाहन के साथ ज्यादती करते हैं और कभी-कभी इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है।
कार में आग लगने की वजह
जानकारों की मानें तो लोग पैसे बचाने के लालच में अपनी कारों में स्टीरियो, सिक्योरिटी सिस्टम, रिवर्स पार्किंग सेंसर जैसी अहम चीजें सर्टीफाइ कंपनियों व शोरूम से न लगवाकर गली-मुहल्लों में खुली दुकानों से लगवाते हैं। ऐसे में कई बार ढीली तारें या फिर गलत फिटिंग कार में स्पार्किंग का कारण बनती हैं और भीषण आग की चपेट में कार आ जाती है।
- नई कार की फ्री सर्विस खत्म होने के बाद लोग कार की सर्विस बाहरी मैकेनिकों से कराते हैं।
- अप्रशिक्षित मैकेनिक सिर्फ फिल्टर, ऑयल बदलकर इसे सर्विस का नाम दे देते हैं। वे गाड़ी की अन्य खराब चीजों की तरफ ध्यान नहीं देते। यह लापरवाही घटना की वजह बन जाती है।
- एजेंसी या अधिकृत डीलर के यहां सीएनजी या एलपीजी किट लगवाना थोड़ा महंगा होता है, लेकिन अक्सर लोग अनधिकृत डीलरों से किट फिट करा लेते हैं।
- किट लगाने के लिए वायरिंग में कट लगाया जाता है, जो शॉर्ट सर्किट की वजह बन जाता है।
- कार में आग लगने के बाद पावर विंडो और सेंट्रल लॉक सिस्टम फेल हो जाते हैं। ऐसा होने पर कार से बाहर निकलना मुश्किल हो सकता है। समय से आग की जानकारी न लगने पर कार्बन मोनो ऑक्साइड बन जाती है, जिससे कार में सवार लोगों की जान तक जा सकती है।
ऐसे करें बचाव
- सही समय पर ऑयल फिल्टर, कूलेंट और इंजन ऑयल बदलवाने पर कार की सेहत ठीक रहेगी।
- कार में अनावश्यक एसेसरीज लगवाने से बचें।
- सीएनजी या एलपीजी किट अधिकृत डीलर से लें और फिट कराएं।
ये सामान भी कार में रखें
- शीशा तोड़ने के लिए हथौड़ा
- सीट बेल्ट लॉक होने पर उसे काटने के लिए कैंची
इन बातों का रखें ध्यान
- हर तीन साल में सीएनजी किट और वायरिंग की जांच करवाएं
- सस्ते के चक्कर में पुराने सिंलेडर न लगवाएं
- कंपनी की सीएनजी किट लगवाएं, चाइनिज किट न लगवाएं।
- सीएनजी किट में वायरिंग इंजन के अंदर होनी चाहिए।