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वर्ष 1937 में मुंशी राम सैनी द्वारा शुरू की गई तालाबों पर कब्जों के खिलाफ मुहिम की कमान अब उनके पोते संदीप ने संभाल रखी है।
नई दिल्ली [विवेक त्यागी]। दक्षिण दिल्ली के खिड़की गांव में प्राचीन तालाब की जमीन पर किए गए अवैध कब्जे व अतिक्रमण को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के दस्ते ने सोमवार को भी ध्वस्त किया। मलबा ट्रकों में भरकर हटाया गया। यूनाइटेड फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशंस के संरक्षक संदीप सैनी तालाब को बचाने की मुहिम चला रहे हैं और उनकी शिकायत पर संज्ञान लेकर यह कार्रवाई की जा रही है। पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली के मुख्य सचिव, डीएम व एसडीएमसी के अधिकारियों से शिकायत की थी। प्राचीन तालाब को बचाने के लिए खिड़की गांव के सैनी परिवार की यह तीसरी पीढ़ी संघर्ष कर रही है।
वर्ष 1937 में मुंशी राम सैनी द्वारा शुरू की गई मुहिम की कमान अब उनके पोते संदीप ने संभाल रखी है। संदीप ने बताया कि तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराने में स्थानीय निगम पार्षद नंदनी शर्मा का सहयोग मिल रहा है। सात बीघा तालाब की जमीन पर बीच में गड्ढा है। बरसात का पानी वहां एकत्र होता है। बाकी जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया था। शाम होते ही यहां गाडिय़ां खड़ी कर शराब पी जाती थी, जिसके चलते यहां से महिलाओं का निकलना मुश्किल हो गया था। लोग विरोध करते तो शराब पीने वाले मारपीट पर उतारू हो जाते थे। अतिक्रमण व अवैध कब्जे के खिलाफ शुरू हुए अभियान से इस समस्या से निजात मिल गई है।
वर्ष 1944 में लाहौर हाई कोर्ट के आदेश पर हटवाया था अतिक्रमण
खिड़की गांव के प्राचीन तालाब की जमीन पर वर्ष 1936 में कुछ लोगों ने कब्जा करना शुरू किया। उस वक्त किसान मुंशी राम सैनी ने इसका विरोध किया। लाहौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की। लाहौर हाई कोर्ट ने वर्ष 1944 में तालाब की जमीन को कब्जा मुक्त कराने के आदेश दिए। इसके बाद जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया। वर्ष 1965 में स्थानीय लोगों ने फिर से कब्जा किया तो मुंशी राम सैनी ने सिविल अदालत में याचिका दायर की। उनकी याचिका पर अदालत ने कमिश्नर को तालाब की जमीन कब्जा मुक्त कराने के आदेश दिए। इसके बाद वर्ष 2010 में तालाब की जमीन कब्जाने के लिए कुछ लोगों ने उस पर मिट्टी डालना शुरू किया, डेयरी, गैराज व अस्थायी दुकानें बनवा दीं।
तीनों बेटे जारी रखेंगे लड़ाई
तालाब बचाने की मुहिम की कमान अब दिवंगत मुंशी राम के तीन बेटों खुशहाल सिंह , पन्ना लाल व अमर सिंह ने संभाली। उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की। जून 2010 में अदालत के आदेश पर तालाब की जमीन से कब्जा हटवाया गया। वर्ष 2017 में क्षेत्र के लोगों ने तालाब की जमीन में कूड़ा व मलबा डालना शुरू किया। गंदगी के कारण लोग डेंगू व मच्छरजनित अन्य बीमारियों की चपेट में आए। इस पर संदीप सैनी ने जिला अदालत में याचिका दायर की। अदालत के आदेश से वर्ष 2017 में यहां से करीब 275 ट्रक मलबा हटवाया गया। इस मलबे को हटवाने में एसडीएमसी की स्टैंडिंग कमेटी की तत्कालीन चेयरमैन शिखा राय व स्थानीय पार्षद नंदनी शर्मा ने काफी मदद की।