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इंस्टाग्राम पर वीडियो अपलोड करने के लिए किशारों ने की हत्या, मोबाइल में मिले मारपीट के 250 वीडियो

पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त चाकू मोबाइल फोन आदि बरामद कर लिया है। पुलिस को उनके मोबाइल फोन में करीब ढाई सौ वीडियो मिले हैं जिनमें वे किसी की पिटाई करते हुए तो कभी हथियार लहराते नजर आ रहे हैं।

By Sanjay SalilEdited By: Prateek KumarPublished: Fri, 21 Jan 2022 06:10 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 06:10 AM (IST)
इंस्टाग्राम पर वीडियो अपलोड करने के लिए किशारों ने की हत्या, मोबाइल में मिले मारपीट के 250 वीडियो
पुलिस ने वारदात के चौबीस घंटे के अंदर तीनों को दबोचा

नई दिल्ली [संजय सलिल]। वर्चस्व कायम की नीयत से इंस्टाग्राम पर वीडियो अपलोड करने के मकसद से तीन किशोराें ने जहांगीरपुरी में युवक की हत्या कर दी। इनमें एक नाबालिग ने पूरी वारदात का वीडियो बना लिया। लेकिन इससे पूर्व कि तीनों वीडियो को अपलोड कर पाते कि पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। तीनों आरोपितों को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। तीनों गैंगस्टर मूवी से प्रभावित होकर इलाके में रौब जमाना चाहते थे।

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पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त चाकू, मोबाइल फोन आदि बरामद कर लिया है। पुलिस को उनके मोबाइल फोन में करीब ढाई सौ वीडियो मिले हैं, जिनमें वे किसी की पिटाई करते हुए तो कभी हथियार लहराते नजर आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार 25 वर्षीय शिबू जहांगीरपुरी में रहते थे। वह बुधवार दोपहर जहांगीरपुरी स्थित रामलीला मैदान में बैठे थे।

उसी दौरान तीनों किशोर वहां पहुंच गए। उन्होंने अकेले बैठे शिबू से पहले बदतमीजी शुरू कर दी। उन्हें डांटा। ऐसे में उन्होंने विरोध किया तो नााबालिगों उनकी डंडे से पहले पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद एक ने शिबू के दाेनों हाथों को पीछे से पकड़ लिया व दूसरे ने उनके पेट में चाकू घोंपकर घुमा दिया। इस दौरान तीसरा पूरी घटनाक्रम का वीडियो बनाता रहा। चाकू लगने व पिटाई से शिबू जब लहुलुहान होकर गिर पड़े तो तीनों वहां से भाग गए। इसके बाद आसपास के लोगों ने उन्हें बाबू जगजीवन राम अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

उत्तर पश्चिम जिले की डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि अस्पताल से ही पुलिस को वारदात की जानकारी मिली। ऐसे में पुलिस ने हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर एसीपी जहांगीरपुरी तिलकचंद्र बिष्ट की देखरेख में इंस्पेक्टर वरुण दलाल के नेतृत्व में टीम गठित की। जांच के क्रम में पुलिस को वारदात में तीन लड़कों के शामिल होने की जानकारी मिली। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज आराेपित चाकू लहराते हुए नजर आए। ऐसे में उनकी पहचान कर उन्हें रात में ही दबोच लिया गया। जांच में पता चला कि तीनों आरोपित नाबालिग हैं।

खुद को सुरक्षित किया, दूसरे की ली जान

जांच में पता चला कि वारदात के समय करीब 15 वर्षीय तीनों नाबालिग कोरोनारोधी टीका लगवा कर लौट रहे थे। तभी उनकी नजर पार्क में बैठे शिबूु पर पड़ गई तो वहां पहुंच गए। तीनों गैंगस्टर जैसी मूवी से प्रभावित होकर उसी की तरह जीवनशैली अपनाना चाहते थे। उन्हाेंने बदनाम गैंग भी बना रखा था।

तीनों नाबालिगों ने इलाके में अपनी दहशत फैलाने के लिए इस पूरी घटना की वीडियो बनाई। आरोपित भागने के क्रम में रास्ते में इलाके के विभिन्न वाट्सएप ग्रुप में हत्या की घोषणा करते हुए जा रहे थे। एक नाबालिग ने वाट्सएप ग्रुप में लिखा है कि वे हत्या के जुर्म में बाल सुधार गृह जाने वाले हैं, लेकिन तीन माह में छूट कर दोबारा आ जाएंगे।


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