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Nirbhaya case: चारों दोषियों के स्वास्थ्य को लेकर आई बड़ी खबर, फांसी में आ सकती है अड़चन !

Nirbhaya case जेल नियमावली के मुताबिक फांसी की सजा पर अमल तभी हो सकेगा जब ये शारीरिक व मानसिक तौर पर पूरी तरह फिट रहेंगे।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 09:41 AM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 10:36 AM (IST)
Nirbhaya case: चारों दोषियों के स्वास्थ्य को लेकर आई बड़ी खबर, फांसी में आ सकती है अड़चन !
Nirbhaya case: चारों दोषियों के स्वास्थ्य को लेकर आई बड़ी खबर, फांसी में आ सकती है अड़चन !

नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्र]। निर्भया दुष्कर्म मामले में फांसी की सजा पाए चारों दोषियों पर जेल प्रशासन की नजर है। वहीं, तिहाड़ जेल प्रशासन के सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि दोषियों को जब से फांसी लगने की प्रक्रिया गति आने की जानकारी लगी है, उनकी नींद उड़ी हुई है। यह भी जानकारी मिली है कि चारों दोषियों (पवन, विनय, मुकेश और अक्षय) ने खाना कम कर दिया है और पहले से अधिक गुमसुम रहने लगे हैं। 

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रोज हो रही दोषियों की स्वास्थ्य जांच

जेल में तैनात चिकित्सक रोजाना इनके स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं। जांच के नतीजों को संबंधित दोषियों की फाइल में दर्ज किया जा रहा है। जेल सूत्रों का कहना है कि यदि दोषियों को फांसी पर लटकाने का आदेश प्राप्त होता है तो उस स्थिति में इस फाइल की अहमियत काफी अधिक हो जाएगी। इसकी वजह यह है कि जेल नियमावली के मुताबिक, फांसी की सजा पर अमल तभी हो सकेगा जब ये शारीरिक व मानसिक तौर पर पूरी तरह फिट रहेंगे। स्वास्थ्य जांच के दौरान अन्य बातों के अलावा इनके वजन पर नजर रखी जा रही है।

दोषियों के वजन पर रहेगी खास नजर

वजन के हिसाब से यह तय होगा कि किस दोषी को फंदे से कितना नीचे लटकाया जाएगा। नियमों के मुताबिक कम वजन के दोषियों को ज्यादा वजन वाले की तुलना में अधिक नीचे लटकाया जाता है। जेल सूत्रों का कहना है कि कुछ समय से चारों दोषियों में कुछ के वजन में कमी आ रही है। जेल अधिकारियों का कहना है कि चारों दोषी पूरी तरह फिट हैं, लेकिन वजन के बारे में वे कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं।

अस्पताल की टीम रख रही खास नजर 

जेल सूत्रों का कहना है कि इनके स्वास्थ्य पर निगरानी रखने के लिए जेल अस्पताल की ओर से चिकित्सकों की एक टीम बनाई गई है। इस टीम के चिकित्सक ही इनकी रोजाना जांच कर रहे हैं। किसी के छुट्टी पर रहने की स्थिति में इस टीम का ही कोई चिकित्सक इनकी जांच करता है। टीम के अलावा किसी अन्य को जांच की अनुमति नहीं है।

वजन व लंबाई के मुताबिक तय होती है लटकने की सीमा

जेल नियमावली के मुताबिक फांसी के फंदे पर लटकाने से जुड़ी प्रक्रिया में दोषी के वजन व उसकी लंबाई का बड़ा महत्व है। फांसी का फंदा जिस लोहे की बीम पर लगे हुक से बांधा जाता है। वहां से लंबाई व वजन के हिसाब से गर्दन में लगे फंदे के लटकने की लंबाई तय होती है। दोषी का वजन यदि 45 किलोग्राम या इससे कम है तो उसे प्लेटफार्म से 2.4 मीटर नीचे लटकाया जाएगा। इसी तरह यदि दोषी का वजन 45 किलोग्राम से अधिक और 60 किलोग्राम से कम है तो उसे करीब 2.29 मीटर नीचे तक लटकाया जाएगा। यदि 60 किलोग्राम से 75 किलोग्राम के बीच दोषी का वजन है तो यह लंबाई घटकर 2.13 मीटर हो जाएगी। 75 किलोग्राम से 90 किलोग्राम के बीच भार वाले दोषियों के लिए यह सीमा 1.98 मीटर है। यदि दोषी का वजन 90 किलोग्राम से अधिक है तो यह सीमा घटकर 1.83 हो जाती है।

चार दिन पहले तय होगा यह सब

जेल सूत्रों का कहना है कि वजन के हिसाब से फांसी की तिथि निर्धारित होने से चार दिन पहले चिकित्सा अधिकारी पूरी स्वास्थ्य रिपोर्ट देखने के बाद लटकाने की लंबाई के बारे में अपना सुझाव देते हैं। चिकित्सा अधिकारी यदि चाहें तो यह लंबाई कम या अधिक भी कर सकते हैं। फांसी देने के लिए जिस रस्सी का इस्तेमाल आमतौर पर किया जाता है उसकी मोटाई भी तय है। रस्सी की मोटाई 2.59 से 3.81 सेंटीमीटर के बीच होनी चाहिए। चिकित्सा अधिकारी अपनी रिपोर्ट जेल अधीक्षक को सौंपते हैं। इसके बाद जेल प्रशासन आगे की कार्रवाई करने में जुटता है।

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