पढ़िए- पड़ोसी राज्य हरियाणा से कैसे निकला दिल्ली में AAP-कांग्रेस गठबंधन का फॉर्मूला
पंजाब में तो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच राजनीतिक दूरियां बरकरार रहेंगीलेकिन कयास लगाए जा रहे थे कि हरियाणा में दोनों के बीच गठबंधन हो सकता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव-2019 को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच गठबंधन पर सहमति बनती दिख रही है। AAP से जो संकेत मिल रहे हैं, उसके मुताबिक, सीट बंटवारे का फॉर्मूला दोनों दलों के नेताओं ने ढूंढ़ लिया है। इस फॉर्मूले के मुताबिक, हरियाणा से दिल्ली की सीटों की अदला-बदली की जाएगी। दरअसल, हरियाणा में कांग्रेस जीतनी सीटें AAP को देगी, उतनी ही सीटें दिल्ली में AAP कांग्रेस को देगी। इस फॉर्मूले में फिलहाल पंजाब को शामिल नहीं किया गया है। इस पर निर्णय बाद में लिया जाएगा।
गठबंधन को लेकर यह भी तय हुआ है कि कांग्रेस दिल्ली में पूर्ण राज्य की मांग अपने घोषणा पत्र में भी शामिल करेगी। इसके लिए कांग्रेस दिल्ली का घोषणा पत्र अलग से जारी करेगी। AAP से जुड़े सूत्रों ने बताया कि हाल ही में दोनों पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच गठबंधन को लेकर बैठक हुई। इसमें यह फॉर्मूला तय किया गया है।
इसमें हरियाणा की 10 सीटों पर कांग्रेस, AAP और दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी मिलकर चुनाव लड़ने को तैयार हैं। इस मसौदे को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने रखा जाएगा। इसके बाद सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों पार्टी के बीच चर्चा शुरू होगी। इस पर जल्द ही निर्णय होने की बात कही जा रही है। हालांकि, अभी आधिकारिक रूप से पार्टी की तरफ से गठबंधन को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया है।
पंजाब में तो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच राजनीतिक दूरियां बरकरार रहेंगी,लेकिन कयास लगाए जा रहे थे कि हरियाणा में दोनों के बीच गठबंधन हो सकता है। इन संभावनाओं को भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अशोक तंवर खेमों ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी चार और कांग्रेस तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दिल्ली की तर्ज पर हरियाणा में भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की कोशिश की गई है। कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा के प्रमुख नेताओं से जब इस बारे में राय ली तो सभी ने इनकार कर दिया।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने हाईकमान को रिपोर्ट दी है कि कांग्रेस फिलहाल आधा दर्जन से अधिक सीटें जीतने की स्थिति में है, इसलिए गठबंधन की कोई जरूरत नहीं है। यदि दोनों दलों के बीच गठबंधन हुआ तो विधानसभा चुनाव में दिक्कत आ सकती है। उधर, AAP और जननायक जनता पार्टी के बीच गठबंधन के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।