पढ़िये सिंघु बार्डर पर किसानों के टेंट हटने के बाद अब कैसा है माहौल, होली दीवाली की तरह दी जा रही शुभकामनाएं
Singhu Border Opening News लोगों में खौफ था कि यहां स्थित दुकानें पेट्रोल पंप शोरूम आदि इसकी चपेट में आ सकते हैं। इस वजह से उन्होंने दुकान शोरूम आदि का बीमा करवा लिया था। शोरूम व पेट्रोल पंपों पर अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए गए थे।
नई दिल्ली [सोनू राणा]। सिंघु बार्डर पर एक साल से ज्यादा समय तक चले प्रदर्शन के कारण लोगों के व्यापार बंद हो गए थे। लोग प्रदर्शनकारियों के खौफ से दुकानें नहीं खोल पा रहे थे। रोजगार खत्म होने की वजह से दुकानदार पलायन करने को मजबूर हो गए थे। लेकिन अब प्रदर्शन समाप्त होने के बाद रविवार को जैसे ही कंक्रीट की दीवार हटाई गई तो दुकानदारों ने दुकानों के शटर उठा दिए। एक तरफ जहां पेट्रोल पंप खुलने लगे तो दूसरी ओर सिंघु बार्डर पर दुकानों व शोरूमों को भी खोल दिया गया। रविवार दोपहर से लेकर शाम तक लोग पेट्रोल पंप परिसर, शोरूम व दुकानों की सफाई करते नजर आए।
दरअसल, सिंघु बार्डर पर प्रदर्शन शुरू होने के बाद से ही लोगों में खौफ था कि यहां स्थित दुकानें, पेट्रोल पंप, शोरूम आदि इसकी चपेट में आ सकते हैं। इस वजह से उन्होंने दुकान, शोरूम आदि का बीमा करवा लिया था। शोरूम व पेट्रोल पंपों पर अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए गए थे। वह डर के माहौल में जी रहे थे। उन्हें लग रहा था कि कभी भी उनके व्यापार में आगजनी हो सकती है। अब जब रविवार को पुलिस की ओर से कंक्रीट की दीवार हटाई गई तो उन्हें राहत मिली और खुशी जाहिर की।
होली-दीवाली की तरह दे रहे शुभकामनाएं
एक वर्ष के बाद जब लोग दुकानों पर पहुंचे तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। उनका कहना था कि लोग सिंघु बार्डर खाली होने की इस तरह बधाई दे रहे हैं, जैसे होली या दीवाली पर देते हैं।
मेरा सिंघु बार्डर पर शोरूम है। एक वर्ष से काम बंद पड़ा था। श्रमिकों को वेतन देने में भी परेशानी हो रही थी। प्रदर्शन जब शुरू हुआ तो आगजनी आदि का डर था। इसलिए, शोरूम के बाहर दो अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए थे। अब दोस्तों-रिश्तेदारों के फोन आ रहे हैं। सभी बार्डर खुलने की इस तरह बधाई दे रहे हैं, जैसे होली-दीपावली पर देते हैं। सिंघु बार्डर पर खुशी का माहौल है।
प्रदीप
मैं सिंघु बार्डर के एक पेट्रोल पंप पर काम करता हूं। बार्डर खुलने से अब एक उम्मीद जगी है। चेहरे पर अलग ही खुशी है। एक वर्ष तक बार्डर बंद होने की वजह से आर्थिक रूप से हालात खराब हो गए थे। पेट्रोल पंप मालिक की ओर से पहले तो दो-तीन महीने तक वेतन दिया गया, लेकिन बाद में वह भी बंद हो गया। दोस्तों-रिश्तेदारों से पैसे लेकर परिवार का पेट भरना पड़ रहा था।
शुभेंदु शर्मा
सिंघु बार्डर से प्रदर्शनकारियों के जाने से खुशी का ठिकाना ही नहीं है। लड्डू बांटकर सिंघु बार्डर खुलने की खुशी साझा की जाएगी। प्रदर्शनकारियों के बीच में घुट-घुट कर जी रहे थे। अब दुकान पर ग्राहक आएंगे तो आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
बिट्टू