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Delhi Politics: प्रभारी के करीब जाते ही अध्यक्ष से कट गए नेता जी

दिल्ली में हर वर्ष बरसाती मौसम में जर्जर इमारतों का गिरना आम हो गया है लेकिन निगम चुनाव के कारण इसको लेकर पक्ष-विपक्ष में सियासी सरगर्मियां तेज हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 17 Aug 2020 01:34 PM (IST)Updated: Mon, 17 Aug 2020 01:34 PM (IST)
Delhi Politics: प्रभारी के करीब जाते ही अध्यक्ष से कट गए नेता जी
Delhi Politics: प्रभारी के करीब जाते ही अध्यक्ष से कट गए नेता जी

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में अहम जिम्मेदारी न मिलने से नाराज होकर भाजपा और पार्षद पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर चुके पूर्व नेता सदन तिलकराज कटारिया इस्तीफा न देने पर तो राजी हो गए हैं, लेकिन वे प्रदेश नेतृत्व से नाराजगी जाहिर करने से नहीं चूकते। यही वजह है कि उनके होर्डिंग्स से प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता की तस्वीर गायब हो गई है। चाहे राम मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम हो या फिर बतौर पार्षद कोई कार्य, कटारिया के होर्डिग्स में आदेश गुप्ता ढूंढ़ने से भी नहीं मिलते। अलबत्ता, प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू जरूर दिख जाते हैं। इसके साथ स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को भी पूरी तरजीह मिल रही है। संदेश साफ है कि वे अध्यक्ष गुट से अलग होकर प्रभारी गुट को साधने की कोशिश में हैं। आगे देखना है कि प्रदेश अध्यक्ष से अदावत कब दूर होती है और उनकी होर्डिंग में जगह कब मिलती है।

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जर्जर भवन से सियासी जमीन में दरार

राजधानी दिल्ली में हर वर्ष बरसाती मौसम में जर्जर इमारतों का गिरना आम हो गया है, लेकिन निगम चुनाव के कारण इसको लेकर पक्ष-विपक्ष में सियासी सरगर्मियां तेज हैं। आम आदमी पार्टी (आप) निगम की घटनाओं को मुद्दा बनाकर चुनाव की जमीन तैयार कर रही है तो वहीं निगम अधिकारियों की लापरवाही सत्ताधारी भाजपा की सियासत की जमीन में दरार डालने का काम कर रही है। रामबाग में जर्जर इमारत का हिस्सा गिरने से एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई और एक कर्मी घायल हो गया। इसके बावजूद अब तक निगम अधिकारी यह स्पष्ट नहीं कर पाए हैं कि इमारत सरकारी रिकार्ड में जर्जर थी भी या नहीं? निगम के भवन विभाग के चलते यह पहली बार नहीं है, जब सत्तापक्ष मुसीबत में पड़ा हो। आए दिन ऐसा हो ही जाता है। इसके बावजूद सत्तापक्ष की उदासीनता से विभागीय कर्मी और अधिकारियों की कार्यशैली में बदलाव नहीं हैं।

मास्क में छिप जा रही पहचान

कोरोना संकट में नेताजी की ओर से जरूरतमंदों को राशन व दवा के साथ मास्क और सैनिटाइजर भी उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन चेहरे पर मास्क की वजह से उनकी पहचान छिप जा रही है, इसलिए मदद के बीज की चुनावी फसल काटने को लेकर वे परेशान हैं। संक्रमण से बचने के लिए मास्क जरूरी है तो जनता के दिल में उतरने के लिए मदद भी जरूरी है,  इसलिए राहत सामग्री के साथ अब नेताजी का पोस्टर चिपका दिया जा रहा है। जहां यह नहीं होता, वहां कार्यकर्ता ही नेताजी का नाम बताते हैं। ऐसा ही कुछ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता के संगम विहार दौरे पर हुआ। वे राहत सामग्री वितरित कर रहे थे, लेकिन चेहरे पर मास्क की वजह से स्थानीय नेता विजय जोली लाभान्वित लोगों को यह जरूर बता रहे थे कि यह प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता हैं और वे विशेष तौर पर आपकी मदद के लिए आए हैं।

निकली सीलिंग की सियासी फांस

नगर निगम चुनाव में अभी समय है, पर इसकी सरगर्मी सत्तारूढ़ भाजपा व विपक्षी दल आम आदमी पार्टी (AAP) की तकरारों में दिखने लगी है। AAP अभी से भाजपा की घेराबंदी में जुट गई है। इस बीच सीलिंग की बड़ी फांस निकलने से भाजपाई राहत में हैं। हाल में सुप्रीम कोर्ट के आदेश में मॉनिटरिंग कमेटी के अधिकार सीमित कर दिए गए हैं। यह ऐसा मुद्दा है, जिस पर सत्तारूढ़ दल के नेताओं की सांसें अटकी रहती थीं। कमेटी के आदेश पर निगम को सीलिंग का डंडा चलाना पड़ता है। इस कारण भाजपा को दिल्ली वालों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ता था। हजारों दुकान-मकान अब तक सील हैं। हर चुनाव से पहले यह मामला गरमाता है और पार्टी को बचाव में तरकश के तीर आजमाने पड़ते हैं। पहले के चुनाव तो किसी प्रकार निकाल गए पर इस बार AAP की सक्रियता से मामला फंसता लग रहा था तो अब सत्तारूढ़ दल राहत में है।


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