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Delhi Meerut Rapid Rail Transit: 60 मिनट में दिल्ली से मेरठ का सफर, निर्माण कार्य में जल्द आएगी तेजी

Delhi–Meerut Regional Rapid Transit System केंद्र सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के बीच करीब 3750 करोड़ रुपये (500 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का एक ऋण समझौता हुआ है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 10:25 AM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 10:25 AM (IST)
Delhi Meerut Rapid Rail Transit: 60 मिनट में दिल्ली से मेरठ का सफर, निर्माण कार्य में जल्द आएगी तेजी
Delhi Meerut Rapid Rail Transit: 60 मिनट में दिल्ली से मेरठ का सफर, निर्माण कार्य में जल्द आएगी तेजी

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सबकुछ ठीक रहा और निर्माण में कोई बाधा नहीं आई तो निकट भविष्य में दिल्ली-मेरठ के बीच की दूरी एक घंटे में पूरी हो जाएगी। इसी दिशा में तीव्र गति से तैयार किए जा रहे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट कॉरिडोर (आरआरटीएस) की फंडिंग के लिए मंगलवार को ऋण प्रपत्र पर हस्ताक्षर हुए। केंद्र सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के बीच करीब 3,750 करोड़ रुपये (500 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का एक ऋण समझौता हुआ है। यह फंड हाल ही में स्वीकृत एक बिलियन डॉलर की पहली किस्त है।

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ऋण प्रपत्र पर हस्ताक्षर

वित्त मंत्रालय में आर्थिक कार्य विभाग के अतिरिक्त सचिव समीर कुमार खरे और एडीबी के इंडिया रेसिडेंट मिशन के कंट्री डायरेक्टर केनिची योकोयामा ने किए। इस दौरान आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय, एडीबी और एनसीआर परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इस मौके पर एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने कहा कि निर्बाध मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी भविष्य में लोगों के यात्रा करने के तरीके को परिभाषित करेगी। उन्होंने कहा कि एनसीआर में तेजी से परिवहन की मांग बढ़ रही है। यह प्रोजेक्ट दिल्ली मेरठ के बीच तीव्र गति के साथ आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा। साथ ही भीड़-भाड़ और वायु प्रदूषण में भारी कटौती करेगा।

उन्होंने कहा कि ऋण की पहली किस्त के 500 मिलियन अमेरिकन डॉलर का उपयोग दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के इलेक्टि्रफाइड ट्रैक, मल्टीमॉडल हब और स्टेशन के निर्माण के लिया किया जाएगा, इसका डिजाइन वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, बच्चों और दिव्यांगजनों के अनुकूल होगा।

180 किमी. की गति से दौड़ेगी ट्रेन

आरआरटीएस परियोजना में 180 किमी. प्रति घंटे की डिजाइन गति के लिए उपयुक्त कई अत्याधुनिक तकनीक होंगी। इसमें इटीसीएस लेवल-2 सिग्नलिंग सिस्टम, बलास्टलेस ट्रैक, ट्रैक फास्ट¨नग सिस्टम और रो¨लग स्टॉक सहित अन्य शामिल हैं। आरआरटीएस रोलिंग स्टॉक का निर्माण गुजरात के सावली में केंद्र सरकार की मेक-इन-इंडिया पहल के तहत किया जा रहा है।

यही नहीं, फेज एक के तीनों आरआरटीएस कॉरिडोर- दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर और दिल्ली-पानीपत, दिल्ली के सराय काले खां में मिलेंगे और अंत:-संचालित होंगे। आरआरटीएस स्टेशनों को परिवहन के अन्य माध्यम जैसे मेट्रो स्टेशन, आइएसबीटी, रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे आदि के साथ निर्बाध रूप से एकीकृत किया जाएगा।

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