Ravan Dahan 2019 :प्रस्तावित राम मंदिर जैसे मंच से पीएम मोदी ने किया रावण दहन, देखें वीडियो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विजयादशमी के अवसर पर राजधानी दिल्ली के द्वारका में रावण दहन के कार्यक्रम में शामिल हुए।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विजयादशमी के अवसर पर राजधानी दिल्ली के द्वारका में रावण दहन के कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां उन्होंने 107 फीट के रावण का दहन किया। पीएम मोदी ने रामलीला के जिस मंच से रावण पर बाण चलाया, उसे अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर का रूप दिया गया था और इसकी भव्यता देखते ही बनती थी। वहीं, मंच के बीचोबीच सुप्रीम कोर्ट के गुंबद की प्रतिकृति बनाई गई थी। हालांकि पीएम मोदी के आने से पहले श्रीरामलीला सोसायटी के पदाधिकारियों ने अंतिम समय में सुप्रीम कोर्ट का गुंबद हटा लिया। पदाधिकारियों ने बताया कि राम मंदिर का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए हमने कोर्ट के गुंबद को हटाना उचित समझा।
#WATCH Prime Minister Narendra Modi shoots from a bow at #Dussehra celebrations in Dwarka,Delhi. pic.twitter.com/xjLPnAeacT
— ANI (@ANI) October 8, 2019
यह पर्व अपने साथ अद्भुत संयोग लेकर आया
पीएम मोदी ने देशवासियों को विजयादशमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने संबोधन में कहा कि इस बार यह पर्व अपने साथ अद्भुत संयोग लेकर आया है। देश में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई जा रही है। गुरु नानक देव का 550वां प्रकाश उत्सव मनाया जा रहा है। भारतीय वायुसेना का जन्मदिन भी आज ही है। इस पवित्र संयोग पर हम सभी को देश की भलाई के लिए कम से कम एक ऐसा संकल्प लेना चाहिए, जिससे किसी न किसी की भलाई हो। इस संयोग का उपयोग अपनी कमियों और आसुरी शक्तियों को नष्ट करने में करें। यह संकल्प किसी भी रूप में हो सकता है। जैसे-पानी बचाना, खाना खाते हुए जूठा नहीं छोड़ना, बिजली बचाना, देश की संपत्ति का कभी नुकसान नहीं पहुंचाने का संकल्प।
देश का कोई ऐसा कोना नहीं होगा, जहां शक्ति साधना न हुई हो
उन्होंने कहा कि भारत के सामाजिक जीवन का प्राणतत्व उत्सव है। उत्सव के साथ हमारे यहां प्रतिभा को निखारने का, प्रतिभा को एक सामाजिक गरिमा देने का, उसे पुरस्कृत करने का निरंतर प्रयास रहा है। हजारों साल की सांस्कृतिक विरासत में कला साधना और उत्सवों के कारण भारतीय परंपरा में रोबोट नहीं, जीते-जाते जागते इंसान पैदा होते हैं। नवरात्र के नौ दिनों में देश का कोई ऐसा कोना नहीं होगा, जहां शक्ति साधना, उपासना न हुई हो। मां की उपासना करने वाले हमारे देश में हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि हर मां-बेटी का सम्मान, गौरव, गरिमा को बनाए रखने का संकल्प लें। इस दिवाली पर हमें अपनी उन बेटियों के सम्मान का संकल्प लेना चाहिए, जो अपने कार्यों से दूसरों के लिए प्रेरणा बनी हों।
सामूहिक शक्ति का सामाजिक कार्यो में करें उपयोग
सामूहिकता की शक्ति का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि प्रभु श्री राम ने अपने साथियों के बल पर समुद्र पर पुल बना दिया, लंका तक पहुंच गए। इस सामूहिक शक्ति का हमें भी सामाजिक कार्यो में उपयोग करना चाहिए। हमें ¨सगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति पाने के लिए सभी को साथ लेते हुए एक आंदोलन चलाना चाहिए। इससे पूरे क्षेत्र को जोड़ना चाहिए। आज वायुसेना का जन्मदिवस है, हम जब भगवान हनुमान को याद करते हैं तब वायुसेना और हमारे जांबाज सैनिकों के अदम्य साहस को भी याद करें।